
- हाईकोर्ट को झूटी जानकारी देकर ट्रांसफर पर स्टे वाले को है कलेक्टर को संरक्षण
- जिला कांग्रेस मंगलवार को करेगी आंदोलन
संभाग ब्यूरो बिलाल खत्री
अलीराजपुर जिला कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष नेता महेश पटेल एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर ने सोमवार को जारी प्रेस नोट में बताया कि जिले में आदिवासी विकास विभाग व शिक्षा विभाग का लगभग बंटाधार हो चला है।जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए सरकारी अफसर व कर्मचारी की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिले के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ एडीपीसी रामानुज शर्मा की करतूत उजागर होने के बाद भी इस भ्रष्ट कर्मचारी को कलेक्टर महोदय बचाने में लगे हुए है। जबकि इस कर्मचारी व उसकी पत्नि दोनों ने माननीय हाईकोर्ट को झूटी जानकारी देकर अपने ट्रांसफर पर स्टे लिया है।
यह सारी जानकारी कलेक्टर महोदय को है किंतु इसके बावजूद भी उन्हौंने ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को जिला शिक्षा कार्यालय में बिठा रखा है। कांग्रेसी नेताओ ने आगे बताया कि आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिला वैसे भी साक्षरता के इंडेक्स में पूरे देश में सबसे निचली पायदान पर है ऐसे में यहां पर शिक्षा के गुणात्मक सुधार हेतु जब सालों से एक ही स्थान पर जमे कुछ शिक्षकों शिक्षिकाओं का तबादला जिले की प्रभारी मंत्री द्वारा किया जाता है तब अपना ट्रांसफर रुकाने के लिए शिक्षक शिक्षिकाएं हाईकोर्ट जाते हैं।
ऐसे ही एक मामले में माननीय उच्च न्यायालय को जिला प्रशासन व डीईओ के द्वारा भारी भ्रष्टाचार कर शिक्षक रामानुज शर्मा, शोभा सस्तिया की पद स्थापना के बारे में गलत जानकारी देकर हाईकोर्ट से स्टे लेने में सहायता की गई है। आदिवासी विकास विभाग शिक्षा विभाग सहित पूरे प्रशासन को यह जानकारी है कि रामानुज शर्मा पिछले तीन सालों से भी अधिक समय से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ है उसके बावजूद ट्रांसफर को रोकने के लिए डीईओ ने माननीय हाईकोर्ट को गलत जानकारी दी कि रामानुज व उसकी पत्नि शोभा अध्यापन कार्य में व्यस्त है।
यह वैधानिक दृष्टि से एक आपराधिक कृत्य है जिसमें माननीय हायकोर्ट में झूठी असत्य जानकारी देकर गंभीर आपराधिक कृत्य किया है। इस कार्य के लिए रामानुज शर्मा व डीईओ दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होकर इन्हें न्यायालय द्वारा दंडित किया जाना चाहिए। इस पूरे मामले को जिले का पूरा मीडिया हाईलाइट कर रहा है किंतु कलेक्टर महोदय के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। माननीय उच्च न्यायालय को गुमराह करने की जानकारी जिला प्रशासन ने दी है इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की मांग में करता हूं। जिले के डीईओ कार्यालय में पदस्थ एडीपीसी को जिला प्रशासन ने स्कूल में अध्यापन कार्य करना बता दिया गया है यह सरासर झूठ व असत्य है यह बहुत गंभीर विषय है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय को झूठे प्रमाण पत्र जिला प्रशासन की ओर से प्रस्तुत किए गए हैं।
इस प्रकार के भ्रष्टाचारी कर्मचारी को बचाने का जो दुस्साह जिला प्रशासन कर रहा है, जिसकी कांग्रेस पार्टी उसकी घोर निंदा करती है और मंगलवार को इस मामले में ज्ञापन धरना प्रदर्शन करेगी। इधर
लोक शिक्षण संचालनालय मप्र भोपाल के पत्र पर नहीं की कार्रवाई
कांग्रेस नेता महेश पटेल ने प्रेस नोट में खुलासा करते हुए बताया कि केके द्विवेदी संचालक लोक शिक्षण मप्र भोपाल के पत्र क्रमांक 1189 दिनांक 13 मई 2024 में यह स्पष्ट लिखा है कि रामानुज शर्मा अध्यापक वर्तमान में भ्रष्ट एडीपीसी जिला शिक्षा कार्यालय को तत्काल हटाकर मूल संस्था में भेजे जाने का उल्लेख किया है। इस पत्र के विषय से यह सिद्ध होता है कि शर्मा एडीपीसी के पद पर काम कर रहा है न कि अध्यापन कार्य उसके बावजूद जिला प्रशासन इसे बचाने में लगा है।
इस पत्र में शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच तथ्यात्मक प्रतिवेदन अभिमत सहित उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। किंतु इस संबंध में शर्मा ने अपने पद व प्रभाव से इस पत्र को ही गायब करवा दिया। आज दिनांक तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कांग्रेस नेता पटेल ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को संरक्षण देना बंद करे और उसे वापस मूल संस्था में भेजे व इसके खिलाफ हायकोर्ट को झूटी जानकारी देने के खिलाफ प्रशासनिक व विभागीय जांच कार्यवाही कर तत्काल प्रभाव से निलंबित करे अन्यथा इस मामले में उग्र आंदोलन किया जाएगा।