धार ब्यूरो चीफ इकबाल खत्री

महामहिम राज्यपाल को दिया ज्ञापन ।

कुक्षी—–कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में किसानों की समस्याओं को लेकर आज युवा एवं वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम कुक्षी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ज्ञापन सौंप कर वर्तमान सरकार से किसानों के हित में कार्य करने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि आज की बीजेपी सरकार निरंतर किसानों को गुमराह कर उर्वरक खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने में नाकामी को बताया । ज्ञापन में बताया कि हम आपके समक्ष खाद की समस्या को लेकर अत्यंत पिड़ा के साथ ज्ञापन के माध्यम से किसानों के खाद की कमी की समस्या से अवगत कराना चाहते हैं कि समस्त कुक्षी विधानसभा के सीमांत किसान, लघु किसान, मध्य किसान और बड़े किसानो को उनकी आवश्यकता एवं पात्रता अनुसार खाद प्राप्त नहीं हो रहा है, खाद की अप्रयाप्त आपूर्ति से फसलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। किसानों में व्यापक स्तर पर आक्रोश व्याप्त है, यहां यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि हमारे विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश किसान आदिवासी वर्ग से आते हैं, जो कि दूर दराज के सीमांत, लघु किसान और पूर्ण कालिक किसान होकर खेती पर ही आश्रित है। किसान अपना कृषि कार्य छोड़कर दिन भर भूखा प्यासा लाईन में खड़ा रहकर अपनी बारी का इंतजार करता रहता है। कई किसान खाद वितरण केन्द्र पर ही रात्रि विश्राम कर अलसुबह खाद वितरण केन्द्र खुलने के इंतजार में खाद लेने के लिए आशांवित रहते है। विडंबना यह है की या तो समय समाप्त हो जाता है या खाद समाप्त हो जाता है।


जिन किसानों को लाइन में लगाकर टोकन देकर तारीख निर्धारित की जाती है, निहत की गई तारीख तो ठीक है. कई दिनों के पश्चात भी खाद प्राप्त नहीं हो पाता, जिसके कारण किसानों को फसलों के भारी नुकसान के साथ उत्पादन कम होने से आर्थिक स्थिति पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है, एवं किसानों के समक्ष विकट स्थिति निर्मित हो जाती है। वर्तमान में खरीफ की फसल बुवाई का कार्य पूर्ण हो गया है, अब खाद की आवश्यकता के समय खाद की अनुपलब्धता के कारण किसानों द्वारा पैदावार के लिए जो राशि खर्च की गई है, वह राशि भी वसूल नहीं हो पाती है। विपणन संघ के अधिकारी किसानों की खाद की समस्या से अच्छी तरह अवगत होने के उपरांत भी कोई सकारात्मक पहल कर निदान नहीं कर रहे हैं, जिले में रेक पॉइंट नहीं होने का हवाला देकर इतिश्री कर रहे हैं, जबकि निजी उपक्रम दुकानदारों के पास हर समय पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध रहता है, दोगुने दाम पर खाद बेचकर ऐसा प्रतीत होता है कि इनके द्वारा खाद की कालाबाजारी की जा रही है, उस पर प्रशासन की कोई लगाम नहीं है। विचारनीय प्रश्न है कि आखिर इनके पास पर्याप्त मात्रा में खाद का स्टॉक कहां से पहुंच रहा है? विभाग पर संदेह पैदा करता है। खाद के विक्रय केंद्रो पर भी खाद का भंडारण कर जरूरतमंद किसानों को खाद नहीं देकर खाद वितरण केंद्र के द्वारा कालाबाजारी कर निजी संस्थाओं को खाद बेचा जा रहा है। अन्नदाता परेशान होगा, निश्चित ही उसका प्रभाव आम जनता पर भी दिखाई देने लगेगा, आए दिन खाद की समस्या को लेकर चक्का जाम, बहस, वाद-विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। भविष्य में कोई गंभीर घटनाक्रम उत्पन्न नहीं हो संज्ञान में रखकर किसानो की समस्या को प्राथमिकता के साथ हल करने का कदम उठाकर किसानों के आक्रोश को समाप्त करने होंगे। उल्लेखनीय है की कुक्षी विधानसभा क्षेत्र कई वर्षों से खाद की समस्या से ग्रस्त रहा है, समय-समय पर राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों के द्वारा खाद की समस्या से शासन-प्रशासन को अवगत करवाया गया लेकिन किसानों की खाद की समस्या यथावत बनी रही है।

अतः महामहिम जी से सादर अनुरोध के साथ हमारी आपसे उम्मीद है कि आप प्राथमिकता के साथ इस समस्या को संज्ञान में लेकर इसका निदान करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेंगे। खाद का आवंटन बढ़ाया जाकर खाद के विक्रय केन्द्रो की संख्या में बढ़ोतरी करवाई जाए, खाद वितरण केन्द्रो की नियमित मॉनिटरिंग अन्य विभाग के अधिकारियों से करवाई जाए, जिससे कालाबाजारी पर लगाम लगाई जा सके, और किसानो को सुगमता के साथ पर्याप्त खाद उपलब्ध हो सकें। खाद नीतियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि
रसायनिक खाद की उपलब्धता में सरकार की नीति के कारण कुक्षी क्षेत्र के किसान को अपनी फसल के लिए समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है इससे फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। आदिम जाति सहकारी समितियों द्वारा जिन किसानों का परमिट है या फिर जो समिति के सदस्य हैं, उन्हें भी समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है। समितियों में खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान बार-बार चक्कर काटते हैं तथा कई बार सुबह से शाम तक बैठने के बाद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। जिन किसानों का समिति में खाता नहीं है, उन्हें तो खाद ही नहीं दिया जा रहा है। नगद खरीदी के लिए क्षेत्र के किसानों को 30 से 35 किलोमीटर दूर कुक्षी आना पड़ता है जंहा नकद में खाद बिक्री मार्केटिंग फेडरेशन गोदाम एव मार्केटिंग सोसायटी केवल सीमित केंद्र पर की जा रही है, किंतु वहां भी पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिलता है। जिस कारण किसानों को बाजार से महंगे दामो में खाद खरीदना पड़ रहा है जिस कारण उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिले इसलिए सभी सोसायटीयो में नगद बिक्री केंद्र खोले जाए ताकि किसान को वही पर खाद उपलब्ध हो उन्हें भविष्य में कोई कठिनाई न हो।
ज्ञापन का वाचन निसरपुर ब्लाक के सदाशिव पाटीदार ने एवं संचालन डॉ आनंद पाटीदार ने किया।