जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री

खरगोन । पीजी कॉलेज प्राचार्य डॉ.जीएस चौहान के निर्देशन में हिंदी विभाग द्वारा 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई। महान कथाकार (कहानीकार/ उपन्यासकार) की हिंदी विभाग के नियमित विद्यार्थियों समूह बीए प्रथम वर्ष, एम.ए. प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष के द्वारा हिंदी के प्रख्यात विद्वान कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की जन्म शताब्दी हिंदी विभाग के प्राध्यापकों के साथ मनाई गई। इस आयोजन में प्राध्यापकों द्वारा छात्रों को प्रेमचंद के जीवन आधारित मूल्यों, कृतित्व, आदर्शवादिता, यथार्थवादिता आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम में कक्षा संचालन के साथ-साथ विद्यार्थियों ने बड़े मनोयोग से भाग लिया। इसमें कुछ विद्यार्थियों ने भी मुंशी प्रेमचंद के विषय में कुछ आदर्श एवं यथार्थवादी विचार व्यक्त किये।

इस अवसर पर हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. रमेश चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि मुंशी प्रेमचंद ऐसे कथाकार रहे हैं जिनकी कहानियों और उपन्यास के पढ़ने से हमें आज के यथार्थवाद और आदर्शवाद को बेहतर रूप से समझने में मदद मिलती है। साथ ही इस अवसर पर हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. गायत्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि मुंशी प्रेमचंद को हम कक्षा पहली से लेकर महाविद्यालय स्तर तक कहीं-ना-कहीं पढ़ते आए हैं। उनकी कहानियों के माध्यम से हमें एक यथार्थवाद की शिक्षा मिलती है। इस आयोजन में प्रोफेसर डॉ. राजू देसाई ने संबोधित करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद के जीवन को जानने के लिए उनकी 300 से अधिक कहानियों को पढ़ना चाहिए, जिससे हमें उनके जीवन को बेहतर रूप से समझने में मदद मिल सकती है। 

हिंदी विभाग की प्रो. विनीता धुर्वे ने संबोधित करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद एक आदर्शवादी और यथार्थवादी लेखक और कहानीकार के रूप में जाने जाते हैं। कार्यक्रम में प्रो. गणेश पार्टी, प्रो. जगदीश डावर, डॉ. मनोज भारवे डॉ. संजय कोचक, प्रो. वंदना बर्वे,  प्रो. सुरेश सोलंकी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. रमेश चौहान ने किया और आभार हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ. गायत्री चौहान ने माना।