कर्नाटक की भाजपा सरकार ने किताब में संशोधन की जिम्मेदारी रिवीजन कमेटी को सौंपी थी। इस कमेटी की अध्यक्षता रोहित चक्रतीर्थ ने की थी। हालांकि सरकार ने संशोधन के बाद ये कमेटी भंग कर दी थी।