गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक संतोष वर्मा ने कहा पितरों की शांति व प्रसन्नता के लिए किया जाता है,श्राद्ध एवं तर्पण
बिलाल खत्री
आलीराजपुर अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशन में आलीराजपुर शहर के गायत्री शक्तिपीठ पर सर्व पितृ अमावस्या पर्व के अवसर पर
पितरों कि आत्म शांति के लिए
सामूहिक श्राद्ध, तर्पण पिंडदान संस्कार कार्यक्रम रविवार प्रात 8:00 बजे से प्रातः 11:00 बजे तक आयोजित किया गया।श्राद्ध तर्पण कार्यक्रम में नानपुर, चांदपुर आदि ग्रामों एवं आलीराजपुर शहर से आए अनेक श्रद्धालुओं पुरुष एवं महिलाओं ने भाग लिया।श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान कार्यक्रम का संचालन वैदिक पद्धति से शक्तिपीठ के आचार्यगण श्री भूरसिंह भिण्डे और डॉ प्रदीप कनेश ने किया।

जिसमें छ: प्रकार के तर्पण, देव तर्पण, ऋषि तर्पण, दिव्य मानव तर्पण, दिव्य पितृ तर्पण, यज्ञ तर्पण और मनुष्य पितृ तर्पण को वैदिक पद्धति से विभिन्न मंत्रों के द्बारा करवाया।इसके पश्चात पिंडदान कार्यक्रम वैदिक मंत्रों द्बारा किया गया।गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक संतोष वर्मा ने श्राद्ध,तर्पण कार्यक्रम में बताया
स्वर्गस्थ आत्माओं की तृप्ति के लिए तर्पण किया जाता है, और श्रद्धा समर्पण के लिए श्राद्ध किया जाता है। मरने के बाद स्थूल शरीर समाप्त होकर केवल सूक्ष्म शरीर ही रह जाता है, सूक्ष्म शरीर को भूख-प्यास, सर्दी- गर्मी आदि की आवश्यकता नहीं रहती है श्रद्धा ही इनकी भूख है।
इसी से उन्हें तृप्ति होती है, इसलिए पितरों की शांति व प्रसन्नता के लिए श्राद्ध एवं तर्पण किये जातें हैं। सभी श्रद्धालुओं ने श्राद्ध,तर्पण कार्यक्रम मे प्रसन्नता व्यक्त की। सम्पूर्ण कार्यक्रम कि तैयारी शक्तिपीठ के ट्रस्टीगण, वरिष्ठ परिजन, युवा मण्डल के सदस्य और महिला मण्डल कि बहनों द्बारा कि गई।