बिलाल खत्री
अलीराजपुर यह प्रकरण पूरी तरह से षड्यंत्रपूर्वक बनाया गया था। मेरे परिवार और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुँचाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने गलत धाराएँ लगाकर मेरे बेटे को झूठे मामले में फँसाने का प्रयास किया। इस पूरे मामले में मैं तत्कालीन एस.पी. राजेश व्यास और एडिसनल एसपी टीआई पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाऊँगा, क्योंकि मेरे परिवार की छवि धूमिल की गई और हमें राजनीतिक रूप से नुकसान पहुँचाया गया।
विधायक श्रीमती पटेल ने कहा के जैसा कि आप सभी जानते हैं, दिनांक 13-07-2025 को हुई दुर्घटना को पुलिस ने हत्या का मामला बनाकर मेरे पुत्र पर झूठा केस बनाया। इससे पहले भी आत्महत्या के एक प्रकरण में राजनीतिक दबाव में पुलिस ने पुष्पराज पर झूठा आरोप लगाया था।
यह सर्वविदित है कि “सत्य परेशान हो सकता है, पर कभी पराजित नहीं।” पूर्व में भी माननीय न्यायालय ने पुष्पराज पटेल को दोषमुक्त किया था और इस बार भी न्यायालय ने पुलिस की साज़िश को खारिज करते हुए उन्हें दोषमुक्त किया।
न्यायालय ने स्पष्ट माना कि • धारा 307 एवं (109 )बीएनएस जैसे गंभीर अपराध लागू नहीं होते।
• विकल एक्ट की धारा 109 यहाँ लागू नहीं होती।• फरियादी को कोई गंभीर चोट नहीं आई।कोई हथियार का उपयोग नहीं हुआ।
• मेडिकल रिपोर्ट / एमएलसी उपलब्ध नहीं है।
• पुलिस डायरी में भी दोष सिद्ध नहीं होता।
इन सभी तथ्यों के आधार पर माननीय न्यायालय ने प्रकरण को निरस्त कर दिया।
सेना महेश पटेल ने आगे कहा कि
“जिस तरह से मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार विपक्षी नेताओं को दबाने का प्रयास करती है और पुलिस के माध्यम से षड्यंत्र रचती है, उससे हम डरने वाले नहीं हैं। भाजपा के मंत्री और सांसद चाहे कितनी भी दबाव डाल लें, हम न कभी डरे हैं और न ही डरेंगे। हम जनता की सेवा करते आए हैं और आगे भी पूरी निष्ठा से करते रहेंगे।”
हम मानते हैं कि पुलिस का दायित्व जनता की रक्षा करना है, परंतु राजनीतिक दबाव में मेरे परिवार को बार-बार झूठे मामलों में फँसाया गया। अन्य दुर्घटनाओं में साधारण धाराओं में केस दर्ज हुए, जबकि मेरे बेटे पर हत्या जैसी गंभीर धाराएँ लगाई गईं, जो न्यायसंगत नहीं है।
मेरे परिवार की छवि धूमिल करने के ऐसे षड्यंत्र हमें डरा नहीं सकते। हम सत्य और न्याय के मार्ग पर सदैव डटे रहेंगे।