संभाग ब्यूरो बिलाल खत्री
धार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से प्रदेश के 11 जिलों के 17500 किसानों को 20 करोड़ 60 लाख रुपए बाढ़ राहत राशि का वितरण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बीते दिनों प्रदेश में अतिवृष्टि (प्राकृतिक आपदा) के कारण फसलों को हुई क्षति के मुआवजे के रूप में प्रभावित किसानों के खातों में सिंगल क्लिक के जरिए इस राहत राशि का हस्तांतरण किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावित किसानों से वर्चुअल संवाद करते हुए कहा है कि प्रदेश के अन्नदाताओं की खुशहाली और उनकी मुस्कान ही हमारी सरकार की ताकत है। मौसम की मार में हम किसानों को बेसहारा नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि जो होना था, हो चुका। हम अपने किसानों को उनकी फसल क्षति का समुचित मुआवजा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्नदाताओं को भरोसा दिलाया कि प्रदेश का कोई भी किसान मौसम की मार पर बेसहारा नहीं रहेगा। हमारी सरकार सुख-दुख सहित हर परिस्थिति में किसानों के साथ है। सबको राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
कार्यक्रम में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर सचिव आलोक सिंह, आयुक्त राजस्व अनुभा श्रीवास्तव सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा,विधायक नीना वर्मा,जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह मेढ़ा सहित प्रभावित किसान धार के वीसी कक्ष से वर्चुअली जुड़े।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों में अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों से आत्मीय संवाद कर उनकी कुशल-क्षेम लेकर फसल क्षति और वर्तमान स्थिति की जानकारी भी ली।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिवपुरी के किसान राघवेन्द्र और जगत पाल, दमोह के सरदार सिंह और संग्राम सिंह, अशोकनगर के प्रदीप सिंह रघुवंशी और कल्याण सिंह, धार के ओमप्रकाश और जगदीश, छतरपुर के रमेश और प्रकाश, रायसेन के अरविंद और अमर सिंह से वर्चुअली संवाद किया। जिले प्रभावित किसानों ने सरकार द्वारा त्वरित रूप से बाढ़ आपदा राहत राशि प्रदान करने पर मुख्यमंत्री डॉ यादव का आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा बीते अगस्त महीने में प्राकृतिक आपदा, अतिवृष्टि एवं बाढ़ से हुई विभिन्न क्षतियों से प्रभावित परिवारों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए 24 हजार 884 प्रभावितों को 30 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि का वितरण किया था।प्राकृतिक प्रकोपों से प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राजस्व पुस्तक में प्रावधान किए गए हैं, जिससे प्रभावित परिवार अपनी आजीविका को पुनर्स्थापित कर सकें।