बिलाल खत्री
अलीराजपुर शिक्षक होना आसान नहीं , हर क्षेत्र में स्वयं को अपडेट रख कर ही हम बच्चों को शिक्षा दे पाएंगे । यह बात संदीपनी स्कूल खंडाला के प्रभारी प्राचार्य कुलदीप भाटी ने कही । उन्होंने बताया कि शासकीय सेवा में रहते हुए जिले में सन् 1998 से निरंतर एक शिक्षक की भूमिका निभा रहे है । बिते 24 वर्षो से शासकीय उमावि अलीराजपुर में सेवा देकर कई बालिकाओं को शिक्षा दी जिससे उनकी पढाई गई कई बालिका आज शासकीय सेवा एवं अन्य स्थान प्राप्त कर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है ।
विगत 3 सालों से सांदीपनि विद्यालय खंडाला में अपने दायित्व का निर्वहन कर बच्चों को विभिन्न क्षेत्र की जानकारी देकर प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ग्राम के छात्र भी अन्य बड़े शहरों के छात्रों की तरह शिक्षा के महत्व को समझ सकें और आगामी दिनों में वो एक उच्च पद प्राप्त कर सकें । विद्यालय में आने के बाद उनके द्वारा कई नवाचार किए । आज के समय बच्चों को फोटो कॉपी करने के लिए अलीराजपुर आना पडता था ,जिसके कारण उन्हे आर्थिक नुकसान के साथ साथ समय भी खराब होता था , बच्चों की इस समस्या के लिए आज स्कूल परिसर मे ही नि शुल्क फोटो कॉपी सेंटर की स्थापना की गई, ताकि किसी भी विषय या दस्तावेज की फोटोकॉपी के लिए अन्य स्थान न जाना पड़े , स्कूल परिसर में रहते हुए बैंक के खाते भी खुलवाए , जिससे बच्चों को कहीं आना जाना न पड़े और उन्हें समय पर छात्रवृत्ति एवं अन्य शासकीय योजना का लाभ मिल सके ।
उन्होंने बताया कि बच्चों को पर्यावरण से जोड़ने के लिए स्वंय सप्ताह में कई दिनों साइकील का उपयोग किया जाता है और बच्चों को भी पर्यावरण शुद्धीकरण के लिए जागृत कर अपने ग्राम और अपने क्षेत्र के पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके । उन्होंने बताया कि गत वर्ष से विद्यालय परिसर में ही बागवानी एवं वृक्षारोपण कर बच्चों को पर्यावरण के लिए जागरूक कर उन्हें प्रेरित किया ताकि वो भी अपने अपने निवास स्थल को स्वच्छ एवं हरा भरा रख सकें ।
इस दौरान उन्होंने बताया कक्षा 10 वी की बोर्ड परीक्षा के पूर्व छात्रों द्वारा बताया गया कि गांव में बिजली के समस्या रहती जिसके कारण रात में पढ़ाई करने में दिक्कत होती है , घर के काम के साथ साथ दिन में पर्याप्त समय नहीं मिल पाता । इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भाटी द्वारा स्कूल परिसर में बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था की गई , बच्चों को स्वयं के व्यय पर नाश्ता तो कभी भोजन भी दिया गया साथ ही बिजली की समस्या के निराकरण के लिए चार्जिंग बल्ब की व्यवस्था की गई जिससे बच्चों रात में भी पढ़ाई करना संभव हुआ ।
इन सभी छोटे छोटे प्रयासों से विगत 2 सालों में कक्षा 10,वी का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा । किसी भी शाला त्यागी छात्र की जानकारी मिलती है तो तुरंत उनके परिवारजनों से मिलकर उसे पुन: स्कूल में लाने के सैकड़ों प्रयास किए गए जो काफी हद तक सफल हुए ।
बच्चों को आधुनिकीकरण से जोड़ने के लिए बच्चों को कंप्यूटर की एक्स्ट्रा क्लास का प्रबंधन विद्यालय परिसर में किया जब जब उन्हें समय मिलता तो वो वहां जाकर बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का प्रयास करते रहते है । उन्होंने बताया कि जिले के बच्चे काफी होशीयार है बस जरूरत है तो उन्हें सही मार्गदर्शन देने की । उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मै एक शिक्षक होकर समाज के साथ साथ देश के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हु । आज के बच्चे कल का भविष्य है । इसी के साथ साथ उन्होंने जिले के समस्त शिक्षकगण को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की ।