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आदि कर्मयोगी अभियान के तहत डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब का शुभारंभ

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खरगोन जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री

खरगोन । आदि कर्मयोगी अभियान के तहत 2 से 4 सितंबर तक विकासखंड मास्टर ट्रेनर्स का तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला ‘डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब’ का कन्हैया कुंज में आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला का सांसद खरगोन-बड़वानी गजेन्द्र सिंह पटेल, कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथियों ने इस अवसर पर प्रतीकात्मक रूप से प्रतिभागियों को बैज भी पहनाए।

कलेक्टर सुश्री मित्तल ने बताया कि खरगोन जिले में धरती आबा उत्कर्ष अभियान के 424 जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में आदि कर्मयोगी अभियान संचालित किया जाएगा। इसके अंतर्गत 15 नवंबर तक ग्रामों के विजन प्लान 2030 तैयार किए जाने है, जो विकासखंड और जिला स्तर पर संकलित कर भारत शासन को प्रेषित किए जाएंगे। अभियान की क्रियान्वयन में सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिसे प्रोसेस लैब का नाम दिया गया है। भोपाल से प्रशिक्षण प्राप्त जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स “चेंज चैंपियन” आगामी तीन दिनों तक विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स “चेंज मेकर” को प्रशिक्षित करेंगे। अगले सप्ताह जिले के नौ विकासखंड में दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला- “ब्लॉक प्रोसेस लैब” का भी आयोजन किया जाएगा। अभियान के अंतर्गत हर ग्राम में आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी और आदि साथी की नियुक्ति की गई है, जो ग्रामों के विज़न प्लान तैयार करने में सहायक होंगे। उन्होंने बताया कि ‘डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब” आवासीय कार्यशाला होने के कारण विशिष्ट है, जिसके दौरान प्रतिभागियों को सामान्य विभागीय कार्यों से मुक्त रखा गया है। उन्होंने प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे कार्यशाला में उत्साह से अभियान के आदर्शाे को गहराई से समझें। विभागों के बीच समन्वय करके ऊपर से थोपे हुए शासन के स्थान पर अभियान लोगों के सुझाव लेकर गवर्नेंस करने को दिशा दिखाता है।

सांसद श्री पटेल ने बताया कि जनजातीय उत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “सबका साथ, सबका विकास” की सोच आदि कर्मयोगी अभियान की जनक है। भारत की आत्मा जनजातीय समुदाय में बसती है, जिसकी अपनी विशिष्ट संस्कृति और परंपरा है। आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला जनजातीय समुदाय संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद विकास की दौड़ में पिछड़ गया था। आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय विकास के इस अंतर को कम करने की पहल है। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब के प्रतिभागियों को 2047 के विकसित भारत की संकल्पना में खरगोन के 424 ग्रामों के विकास को मूर्तरूप देने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी कर्तव्यबोध, नवाचार और ऊर्जा से काम करें जिससे अभियान को सफल बनाया जा सके।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिंह ने विशिष्ट अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिया गया मार्गदर्शन प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवर्धन करेगा। इससे पूर्व सहायक संचालक जनजातीय कार्य श्रीमती कविता आर्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

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