डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह 21 दिन की फरलो पर 7 फरवरी को बाहर आया था। इस दौरान हालांकि गुरुग्राम स्थित नामचर्चा घर में परिवार के साथ रहा। डेरामुखी ने डेरा प्रबंधन और परिवार को लेकर महत्वपूर्ण फैसले कर दिए। प्रबंधन को लेकर बड़ा फैसला ये हुआ है कि अब डेरे की अधिकारिक तौर पर कमान डॉ. पीआर नैन को सौंपी गई है जबकि चेयरमैन रही बिपासना इंसा को प्रबंधन से बाहर कर दिया है। इसके अलावा अन्य पदाधिकारियों को भी प्रबंधन में जोड़ा है।
डेरामुखी के जेल में जाने के बाद सच्चा सौदा का संचालन प्रबंध समिति कर रही है। इसकी चेयरमैन बिसपना इंसा अभी तक थी। लेकिन वे करीब दो साल से बीमार है और इलाज करवा रही हैं। ऐसे में डेरे का प्रबंधन कार्य प्रभावित हो रहा था। डेरामुखी के जेल में होने के कारण बदलाव भी संभव नहीं था।
ऐसे में 7 फरवरी को डेरामुखी 21 दिन की फरलो पर बाहर आया। उसने इस समय का सदुपयोग किया और डेरामुखी ने परिवार के साथ-साथ डेरा प्रबंधन को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए। हालांकि फरलो नियम के अनुसार डेरामुखी छुट्टी के दौरान ना तो बाहर किसी से मिल सकता था और ना ही अनुयायियों को संबोधित कर सकता था।
इसलिए नई घोषणा और बदलाव की सूचना अनुयायियों को देने के लिए नया रास्ता चुना। फरलो अवधि खत्म होने पर डेरामुखी वापस जेल गया तो वहां से 26 मार्च को पत्र लिखा और इस जेल प्रशासन की मोहर के साथ इस पत्र में अपने लिए गए फैसलों पर भी मोहर लगवा ली।
नए फैसले के अनुसार डेरा प्रबंधन समिति का चेयरमैन अब डॉ. पीआर नैन को बनाया गया है। पहले इस पद पर बिपासना इंसा थी। इसके अलावा सीनियर वाइस चेयरमैन के तौर पर शोभा और चरणप्रीत सिंह को रखा है। यहां बता दें कि चरणप्रीत सिंह डेरामुखी का बेहद खास है और उसके साथ ही पढ़ाई भी की है। इससे पहले चरणप्रीत सिंह डेरे का स्पोर्ट्स का कामकाज देखता रहा है।
डेरामुखी ने जेल से पत्र लिखा। इस पत्र को नामचर्चा में पढ़कर सुनाया गया। इस पत्र में डेरामुखी ने महत्वपूर्ण संदेश अनुयायियों को दिए हैं। इसमें बताया गया है कि अब डेरे की कमान चेयरमैन के तौर पर डॉ. पीआर नैन को दी गई है। साथ ही ये भी संदेश दिया गया है कि हन्नीप्रीत भी उन्हीं के परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जेल से लिखे पत्रों में पहली बर डेरामुखी ने परिवार के सदस्यों का नाम के साथ जिक्र किया है। इसमें कहा है कि जसमीत, चरणप्रीत व अमरप्रीत ने आज्ञा ली है कि उच्च शिक्षा के लिए वे बच्चों के साथ उन्हें पढ़ाने के लिए ले जाएंगे।
संदेेश ये है कि ये अब विदेश जाएंगे। ऐसे में हन्नीप्रीत की भूमिका परिवार के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण है। हालांकि डेरे ने अधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार किया है कि हन्नीप्रीत को डेरा की कमान देने का फैसला हुआ है।
पंजाब में चल रहे बेअदबी मामले में डेरामुखी का नाम शामिल करने पर बुधवार को चंडीगढ़ में डेरा प्रबंधन मीडिया को संबोधित करेगा। इस दौरान डेरे में किए गए बदलाव को लेकर भी संदेश जारी किया जाएगा। इतना ही नहीं डेरे की कमान को लेकर हन्नीप्रीत के नाम चर्चा को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
डेरा की प्रबंधन समिति में समय-समय पर महत्वपूर्ण बदलाव होते रहते हैं। अब डॉ. पीआर नैन को चेयरमैन की जिम्मेदारी मिली है। क्योंकि पहले चेयरपर्सन रही बिपासना इंसा स्वास्थ्य कारणों से कामकाज नहीं देख पा रही थीं। -जितेंद्र खुराना, प्रवक्ता, डेरा सच्चा सौदा, सिरसा।