शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाएं पहली बार आगरा जिले की नौ ग्राम पंचायतों में विकसित की जा रही हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो साल में 70 फीसदी कार्य हो चुके हैं। 100 फीसदी कार्य पूर्ण होते ही गांव स्वर्जित आय से अपने पैरों पर खड़े होंगे। स्वयं के संसाधनों से ही भविष्य की नई इबारत लिखेंगे।
आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस है। आगरा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था लागू है। पहली श्रेणी जिला पंचायत, दूसरी क्षेत्र व सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत है। जिले में 690 ग्राम पंचायतें हैं। 2019-20 में रूबर्न मिशन के तहत बिचपुरी ब्लॉक में मिढ़ाकुर क्लस्टर चुना गया। इसमें नौ ग्राम पंचायत चिह्नित की गई जहां शहर की तर्ज पर सुविधाएं विकसित की जा सकें।
ग्राम्य विकास अभिकरण परियोजना निदेशक भीमजी उपाध्याय ने बताया कि जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत नौ गांव का आदर्श बनाया जा रहा है। इनमें 90 हजार आबादी है। ग्राम पंचायत को तकनीकी व आर्थिक सहायता देकर पहले अपने पैरो पर खड़े होने लायक बनाया जा रहा है। फिर ये गांव स्वअर्जित आय व संसाधनों से पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाएंगे।