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कृषक सुविधा केंद्र का हुआ लोकार्पण

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इक़बाल खत्री 

            खरगोन। प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना 2.0 अंतर्गत जामन्यापनी में आयोजित  वाटरशेड महोत्सव के तहत कृषक सुविधा केंद्र का लोकार्पण केदारसिंग डाबर ,विधायक विधानसभा भगवानपुरा की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ।

         जनपद पंचायत भगवानपुरा , जो खरगोन जिले का एक प्रमुख  आदिवासी विकासखंड होकर यहां प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY 2.0)के अंतर्गत आयोजित वाटरशेड महोत्सव 2025 इसी दिशा में एक शानदार पहल रही। 

कार्यक्रम में विधायक  , 

        जनपद अध्यक्ष, , भाजपा जिला अध्यक्ष सुश्री नंदा ब्राह्मने कई सरपंच, एवं जनप्रतिनिधी,

किसान, पंचायत प्रतिनिधि, महिला स्व-सहायता समूह, युवा, छात्र-छात्राएं, और स्थानीय जन मौजूद रहे। 

        जिला पंचायत उपाध्यक्ष के द्वारा संबोधित किया गया की अगर हमने अभी भी जल संरक्षण के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा, तो आने वाली पीढ़ियों को भारी संकट का सामना करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना गांव-गांव में हर खेत को पानी पहुँचाने का सपना साकार कर रही है। उन्होनें महोत्सव के माध्यम से सभी किसानों, पंचायतों और युवाओं से आग्रह किया  कि वे जल संरक्षण को जीवन का हिस्सा बनाएं।”

        भाजपा जिला अध्यक्ष सुश्री नंदा ब्राह्मने ने बताया कि  योजना के अंतर्गत क्षेत्र में कई जल संरचनाओं का निर्माण हो चुका है, जिनसे अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलने लगी है।  आने वाले समय में  जनसहभागिता से इस कार्य को और भी विस्तारित  किया जाना नितांत आवश्यक है।

         जिला परियोजना अधिकारी ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 का उद्देश्य “हर खेत को पानी” देना है, ताकि किसानों को वर्ष भर सिंचाई की सुविधा मिल सके और खेती की उत्पादकता में वृद्धि हो। योजना के अंतर्गत वाटरशेड डेवलपमेंट एक महत्वपूर्ण घटक है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण, भूजल स्तर को बढ़ाने और भूमि सुधार जैसे कार्यों पर केन्द्रित है। 

        कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनप्रतिनिधियों ने कहा कि  वाटरशेड कार्यक्रम का उद्देश्य केवल पानी सहेजना नहीं, बल्कि मिट्टी का संरक्षण, भूजल स्तर बढ़ाना, वनीकरण, पशुपालन और आजीविका सुधार से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा “हमारा प्रयास है कि ग्राम पंचायतें स्वयं इस दिशा में योजना बनाएं, ग्राम स्तर पर समिति बनाएँ और ग्रामवासियों की भागीदारी से जल प्रबंधन को सफल बनाएं। जलग्रहण क्षेत्र में हरियाली,  तालाब गहरीकरण, नाला पुनर्निर्माण, चेक डैम निर्माण जैसे कार्यों से गाँव को जल के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।” 

        कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों ने परियोजना में  बनी जल संरचनाओं  का भूमि पूजन एवं कृषक सुविधा केंद्र का लोकार्पण किया जिसका उपयोग भविष्य में व्यवसायिक गतिविधियों हेतु किया जावेगा,

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