मौसम के हिसाब से रंग बदलते सैकड़ों सालों की उम्र लिए चिनार के पेड़ जम्मू-कश्मीर में हर बदलाव के गवाह हैं। इन्होंने यहां की शैव परंपरा, सूफी मत और कश्मीरियत को महसूस किया है।
विकास की नई इबारत : विलय के बाद भी जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ पूरी तरह जुड़ने में लग गए सात दशक
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