यह सच है कि मुकदमों को निपटाने के मामले में न्यायिक निर्णयों की क्षमता में आई दरार परेशान करती है। न्यायिक नियुक्तियों का तंत्र बनाने के संदर्भ में सरकार और न्यायपालिका के बीच के टकराव ने इस समस्या को और घनीभूत किया है।