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टिकट की आस में भाजपा नेता दूसरे दलों की ओर देख रहे, दो महीने में चार BJP नेताओं ने पार्टी छोड़ी

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जिले की पांच विधानसभा सीटों में से अधिकांश सीटों पर भाजपा से टिकट मांगने वालों की लंबी लिस्ट है और इस लिस्ट में टिकट एक ही नेता को मिलेगा। टिकटार्थियों की लंबी लाइन को देखते हुए भाजपा नेता अब दूसरे दलों की ओर देख रहे हैं। 
विधानसभा चुनाव से पहले शिवपुरी जिले में दो महीने में ही चार पार्टी नेताओं ने भाजपा छोड़ दी है। इनमें से तीन सिंधिया समर्थक नेता शामिल हैं, जबकि एक नेता मूल भाजपा से जुड़े हुए हैं। इन नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ जाने के पीछे राजनीतिक रूप से चर्चा यह है कि इस समय जिले की पांच विधानसभा सीटों में से अधिकांश सीटों पर भाजपा से टिकट मांगने वालों की लंबी लिस्ट है और इस लिस्ट में टिकट एक ही नेता को मिलेगा। टिकटार्थियों की लंबी लाइन को देखते हुए भाजपा नेता अब दूसरे दलों की ओर देख रहे हैं। इसलिए चार भाजपा नेताओं ने दो महीने में पार्टी छोड़ दी है।
पिछले कुछ दिनों में कई भाजपा नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ा है और आने वाले विधानसभा चुनाव में यह नेता भाजपा की मुसीबत बढ़ा सकते हैं। कारण यह है कि जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है वे अपने- अपने इलाके में कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते हैं। कोलारस में ही देखा जाए तो बीते एक महीने में यहां पर दो सिंधिया समर्थक नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है। इनमें एक बैजनाथ सिंह यादव जो पूर्व में भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं और इनकी पत्नी कमला यादव जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। एक और सिंधिया समर्थक जो कोलारस विधानसभा सीट से आते हैं रघुराज धाकड़ वह भी कोलारस में जिला पंचायत के सदस्य रह चुके हैं। सिंधिया के साथ वह भी भाजपा में गए थे, अब पार्टी से नाता तोड़ लिया है। इनकी कोलारस विधानसभा क्षेत्र में धाकड़ बाहुल्य वोटों पर अच्छी पकड़ है। इसके अलावा शिवपुरी विधानसभा सीट पर देखा जाए तो सिंधिया समर्थक नेता राकेश गुप्ता जो पूर्व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रह चुके थे सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए थे, लेकिन वहां पर पूछपरख नहीं हुई तो इनकी कांग्रेस में घर वापसी हो गई है। इन सब नेताओं द्वारा भाजपा छोड़ जाने के बाद निश्चित तौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर संबंधित सीटों पर पड़ेगा।
शिवपुरी जिले में पांच विधानसभा सीट आती हैं। वर्ष 2020 में प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कई सिंधिया समर्थक नेता भी भाजपा में आए। इस दौरान इन सिंधिया समर्थक नेताओं ने भाजपा के जो मूल कार्यकर्ता है उनका गणित बिगाड़ दिया है। शिवपुरी जिले में पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि लगातार भाजपा के कुछ नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
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