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मध्यप्रदेश की यात्रा पर आये केरल के पर्यटक को पसंद आयी बैलगाड़ी की सवारी

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इक़बाल खत्री

खरगोन । मध्यप्रदेश की 18 दिन यात्रा पर खरगोन पहुंचे ट्रेवलर बालू मेमन

ग्रामीण परिवेश को करीब से देखने और ग्रामीणों की आत्मीयता को महसूस करना हो तो शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी से बाहर निकलकर एकबार गांवों का भ्रमण जरूर करना चाहिए। इसी अभिलाषा के साथ केरल के पर्यटक बालू मेमन मध्यप्रदेश की 18 दिनों की यात्रा पर निकले हैं और आज उन्होंने इसकी शुरूआत खरगोन जिले के ग्राम बोथू से की है। ग्राम बोथू में बैलगाड़ी की सवारी कर, स्थानीय लोगों के यहां पारम्परिक भोजन कर बालू मेमन बहुत खुश हैं। 

केरल के पलक्कड़ जिले के निवासी 72 वर्षीय बालू मेमन एक ट्रेवलर है। उन्होंने विश्व पर्यटन दिवस पर 27 सितंबर से ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए वे मध्यप्रदेश की 18 दिनों की यात्रा प्रारंभ की है। आज खरगोन जिले के ग्राम बोथू पहुंचे हैं। बालू मेमन के ग्राम बोथू पहुंचने पर बकरीछाप के परियोजना अधिकारी दीपक दुबे, शुभम तिवारी एवं ग्रामीणों ने उनका आत्मीय स्वागत किया।  बालू मेमन को बैलगाड़ी पर बैठाकर ग्राम बोथू की गलियों एवं मंदिरों का भ्रमण कराया गया। इसके पश्चात उन्हें गांव के ही एक परिवार के यहां पारम्परिक भोजन के रूप में अमाड़ी की भाजी, बेर की सब्जी, मक्के की रोटी, मोरधान  चावल की खीर, चुरमा, चावल के पापड़ खिलाये गए। ग्राम बोथू के भ्रमण के पश्चात बालू मेमन नावड़ातौड़ी पहुंचे तो यहां पर एक केवट के घर उन्हें चाय पिलाई गई। इसके पश्चात मां नर्मदा किनारे महेश्वर स्थित अहिल्या किला और घाट पर पहुंचे। बालू मेमन रात्रि में ग्राम बोथू में बनाएं गए होमस्टे में रहेंगे।  

अपने पहले दिन की यात्रा से बालू मेमन बहुत खुश हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे फाईव स्टार, थ्री स्टार होटल एवं रिसोर्ट में अपनी पर्यटन यात्रा के दौरान रह चुके हैं। लेकिन जो आनंद आज बैलगाड़ी की सवारी और ग्रामीणों के बीच स्थानीय पारम्परिक भोजन करने से मिला वह कल्पना से परे हैं। जीवन का असली आनंद गांव की इन गलियों के बीच ग्रामीणों के आत्मीय एवं निश्छल व्यवहार से ही मिलता है। पर्यटक ग्रामों में रात्रि विश्राम करें तो उन्हें भी एक अलग ही आनंद की अनुभूति होगी। 

ट्रेवलर बालू मेमन 28 सिंतबर को भट्यान बुजुर्ग सियाराम बाबा के धाम, शिवलिंग निर्माण के लिए प्रसिद्ध गांव बकावां, बाजीराव पेशवा की समाधि स्थल रावेरखेड़ी और ओंकारेश्वर जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश ग्रामीण पर्यटन योजना के अंतर्गत बकरी छाप द्वारा कसरावद ब्लॉक के गांव बोथू और नावाड़ातौडी में होमस्टे बनाएं गए हैं। पर्यटक इन होमस्टे में रात्रि विश्राम कर सकते हैं। होमस्टे की अवधारणा ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई है।

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