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सुप्रीम-कोर्ट ने मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को संवेधानिक मानते हुए इलाहाबाद हाई-कोर्ट के फैसले को खारिज किया…

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 नई दिल्ली / इलाहाबाद हाई-कोर्ट द्वारा मदरसा शिक्षा बोर्ड 2004 अधिनियम धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए उसे असंवैधानिक करार दिया था आज सुप्रीम-कोर्ट ने मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 पर हाई-कोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई-कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है सुप्रीम-कोर्ट ने अंजुम कादरी की मुख्य याचिका सहित 8 याचिकाओं पर अपना फैसला 22 अक्टूबर तक सुरक्षित रख लिया है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूर्ण, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की संयुक्त बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन नही करता है और मदरसा बोर्ड रोजमर्रा के कामकाज में दखल नही देता है सिर्फ गुणवत्ता सुधारने की कोशिश करता है सुप्रीम-कोर्ट ने आगे अपने फैसले में फ़ाज़िल और कामिल की डिग्री को असंवैधानिक माना है और कहा है ये यूजीसी का विशेषाधिकार है उत्तर-प्रदेश के मदरसो में डिग्री हाई-स्कूल और इंटर तक होती है।

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