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नाबार्ड द्वारा ए.सी.ए.बी.सी. स्कीम के तहत जिला स्तरीय वर्कशॉप का किया आयोजन

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इक़बाल खत्री 

खरगोन। 04 फरवरी को नाबार्ड द्वारा ए.सी.ए.बी.सी. स्कीम के तहत जिला स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया ।इस वर्कशॉप में डीडीएम नाबार्ड, एलडीएम खारगोन, आरसेटी निर्देशक, डीआईसी प्रतिनिधि, सभी बैंक के प्रतिनिधि, कृषि ग्रेजुएट्स और एफपीओ ने सहभाग लिया।

नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक विजेन्द्र पाटिल ने विस्तार से बताया कि ए.सी.ए.बी.सी. स्कीम तहत कृषि विद्यार्थी कैसे ट्रेनिंग एवं सर्टिफिकेट लेकर बैंक से लोन प्राप्त कर कृषि क्षेत्र में नया उद्योग व्यापार स्थापित कर सकते है। बैंकर्स भी इस योजना में कैसे लोन दे सकते है। श्री पाटिल ने बताया कि कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना (एसीएबीसी योजना) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही है, जिसमें नाबार्ड सब्सिडी चैनलाइजिंग एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है।

योजना का उद्देश्य

किसानों के लक्षित समूह की कृषि उद्यमी, स्थानीय आवश्यकताओं और सामर्थ्य के व्यवसाय मॉडल के अनुसार भुगतान के आधार पर या मुफ्त में किसानों को विस्तार और अन्य सेवाएं प्रदान करके सार्वजनिक विस्तार के प्रयासों को पूरक करना। बेरोजगार कृषि स्नातकों, कृषि डिप्लोमा धारकों, कृषि में इंटरमीडिएट और कृषि से संबंधित पाठ्यक्रमों में पीजी के साथ जैविक विज्ञान स्नातकों के लिए लाभकारी स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है।  

फसलों/पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर किसानों को विशेषज्ञ सलाह और सेवाएं प्रदान करने के लिए कृषि-क्लीनिकों की परिकल्पना की गई है। कृषि-क्लीनिक मृदा स्वास्थ्य, फसल पद्धतियाँ, पौधों की सुरक्षा, फसल बीमा पशुओं, फ़ीड और चारा प्रबंधन के लिए नैदानिक सेवाएं, फसल कटाई के बाद की तकनीक, जानवरों के लिए नैदानिक सेवाएं, चारा और चारा प्रबंधन बाजार में विभिन्न फसलों के मूल्य सहित आदि क्षेत्रों में सहायता प्रदान करते हैं। 

कृषि व्यवसाय केंद्र प्रशिक्षित कृषि पेशेवरों द्वारा स्थापित कृषि-उद्यमों की वाणिज्यिक इकाइयां हैं। इन उपक्रमों में कृषि उपकरणों का रखरखाव और कस्टम हायरिंग, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में आदानों और अन्य सेवाओं की बिक्री शामिल हो सकती है, जिसमें फसल कटाई के बाद प्रबंधन और आय सृजन और उद्यमिता विकास के लिए बाजार लिंकेज शामिल हैं।

इस योजना में प्रशिक्षण और हैंडहोल्डिंग के लिए पूर्ण वित्तीय सहायता, ऋण का प्रावधान और क्रेडिट-लिंक्ड बैक-एंड समग्र सब्सिडी शामिल है। योजना अंतर्गत सामान्य वर्ग को 35 प्रतिशत एवं महिला, एससी, एसटी वर्ग को 44 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान हैं। निर्देशक नरेश शेन्द्र ने अपने आरसेटी कार्याे एवं योजनाओं को साझा करते हुए नाबार्ड की इस योजना की सराहना करते हुए नए उद्यमियों के लिए अवसर बताया। एलडीएम  सुमेर सिंह सोलंकी द्वारा बैंकर्स को योजना में सहयोग करने का कहा गया एवं इस योजना को विद्यार्थियों के लिए कृषि क्षेत्र मे नये उधम हेतु महत्पूर्ण बताया गया है।

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