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तरबूज फसल के प्रक्षेत्रों का किया गया भ्रमण सर्वे कार्य जारी

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बिलाल खत्री संभाग ब्यूरो

      बुरहानपुर शुक्रवार को तहसीलदार  दयाराम अवस्या, तहसीलदार  गोविंद सिंह रावत, कृषि विज्ञान केन्द्र सांडसकला के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. कार्तिकेय सिंह, डॉ. भूपेन्द्र सिंह, डॉ मेघा विभुते तथा उप संचालक उद्यान राजू बडवाया द्वारा संयुक्त रूप से ग्राम बोदरली, संग्रामपुर, मोहद, खामनी, फोफनार आदि ग्रामों के लगभग 15 तरबूज उत्पादक कृषकों के प्रक्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कृषकों के प्रक्षेत्रों पर लगी प्रभावित तरबूज फसल की विभिन्न अवस्थाओं का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया। सर्वे उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। इस दौरान कृषकों को आवश्यक सलाह दी गई।किसानों को फसल चक्र अपनाये की बात कही गई। बताया गया कि, लगातार एक ही फसल या एक कुल की फसल की खेती करने से बचें। खेत के आसपास एवं अन्दर साफ-सफाई करें। रोगग्रस्त पौधों को उखाड़कर खेत के बाहर फेंक देवे या गड्ढा  खोदकर दबा देवें। आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति अवश्य करें, जिसके साथ ही सूक्ष्म पौषक तत्व कैल्शियम, बोरान, मैंगनीज आदि की अनुंशसित मात्रा का उपयोग करें। सूक्ष्म पौषक तत्वों जैसे बोरान, आयरन, मैंगनीज, कॉपर, जिंक एवं मोलीबेडेनम की पूर्ति के लिए माइक्रो न्यूट्रेट 25 एमएल प्रति पम्प के हिसाब से स्प्रे करें।नियंत्रण हेतु करें छिड़काव उपसंचालक उद्यानिकी ने बताया कि, कीट नियंत्रण हेतु छिड़काव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि, क्लोरोपायरीफांस 45 एमएल, एसीफेट 15 ग्राम, स्टीकर 15 एमएल, नीमतेल 50 एमएल, 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते है या इमिडाक्लोरोपिड 6 एमएल, एसीफेट 15 ग्राम, स्टीकर 15 एमएल, नीमतेल 50 एमएल-15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें तथा फिप्रोनिल 25 एमएल, स्टीकर 15 एमएल, नीमतेल 50 एमएल 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।

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