कुक्षी -थाना डही के ग्रा बडवान्या का चर्चित प्रकरण जिसमें आरोपी रवि उर्फ रविन्द्र पिता गुलसिंह, तरूण उर्फ चंचल पिता रमेशचन्द्र, गुलाबसिंह पिता मेहताब सभी निवासी- ग्राम बडवान्या ने वही के निवासी मृतक पवन उर्फ प्रविण पिता सुखराम रणधा को आरोपी तरूण ने अपनी पत्नि से बातचित करने की बात को लेकर, मृतक पवन के साथ लडाई-झगडा, मार-पिट कर शारीरीक एवं मानसीक रूप से काफी प्रताडित किया, जिसके कारण मृतक पवन उर्फ प्रविण ने अपनी लाईसेन्शी बंदूक से अपने घर की छत पर जाकर गोली मारकर आत्महत्या कर ली, तथा सिर फटने से मौके पर ही पवन की मृत्यु हो गई।

घटना अनुसार आरोपी तरूण इस घटना के पुर्व जेल में था, तो उस समय मृतक पवन ने उसे जेल से छडवाने में तरूण की पत्नि को आर्थिक मदद की थी, जब तरूण जेल से छुटकर आया तो उसने फोन कर मृतक पवन को बुलाया और जबरजस्ती धमकाना चालू कर दिया, कि तुमने मेरी पत्नि से बातचीत की बाद में तीनो आरोपीगण मृतक पवन को रोजाना फोन करके तथा मिलने पर धमकिया देकर, परेशान कर रहे थे, और पवन से सोने की अंगूठी व पैसे भी छिन लिये थे, रोजाना धमकी तथा प्रताडित करने कारण मृतक पवन घबरा गया, घटना के एक दिन पुर्व रात्रि में तीनो आरोपीगण मृतक के घर आये और घर के बाहार बुलाकर धमकिया दी जिसके कारण पवन ने दूसरे दिन सुबह घर की छत पर जाकर आत्महत्या कर ली, प्रकरण थाना डही में पंजीबद्ध होकर, जॉच में ईलेक्ट्रानिक साक्ष्य, कॉल डिटेल्स, सी.सी.टी.वी. कैमरे के फुटेज आदि महत्वपुर्ण साक्ष्य आई, प्रकरण अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमान अम्बुज पाण्डेय साहब के न्यायालय में चला जहाँ पर अभियोजन की और से अपर लोक अभियोजक आर. के. गुप्ता एडवोकेट कुक्षी के द्वारा 22 महत्वपुर्ण साक्षियो के कथन करवाये जिनके आधार पर तीनो आरोपीगण को दोषी पाते हुए, पाँच-पाँच वर्ष, के सश्रम कारावस व 3000/- रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया।, अभियोजन की और से अपर लोक अभियोजक आर. के. गुप्ता एडवोकेट कुक्षी के द्वारा पैरवी की गई।