
जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री
खरगोन ।प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई की कड़ी में 08 जुलाई को कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इसमें अपर कलेक्टर श्रीमती रेखा राठौर, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती हेमलता सोलंकी एवं डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूर्वा मण्डलोई ने अन्य अधिकारियों के साथ आवेदकों की समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों को उनका त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में 78 आवेदक अपनी समस्याएं लेकर आए थे।
जनसुनवाई में झिरन्या तहसील के ग्राम पंचायत गोवाड़ा के ग्रामीणों ने पंचायत में स्वीकृत विकास पशुओं के लिए होज और सीसी रोड निर्माण की राशि का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से निकालने व भ्रष्टाचार करने की शिकायत की है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिव, सरपंच, रोजगार सहायक और इंजीनियर की मिलीभगत से स्वीकृत राशि निकाल ली गई, लेकिन न तो सीसी रोड बनी और न ही पशु होज का निर्माण हुआ। ग्रामीणों ने सीईओ से निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्यवाहीह एवं शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग की है।
जनसुनवाई में कसरावद तहसील के ग्राम ओझरा की फकीरा ने शिकायत की है कि पड़ोसी कुसुम बाई ने शासकीय जमीन पर 05 फीट आगे बढ़ाकर मकान बनाया है, जिससे उनके घर के सामने से बड़े वाहनों को निकलने में परेशानी हो रही है। ग्राम पंचायत और तहसील ने निरीक्षण कर निर्माण रोकने को कहा, लेकिन कुसुम बाई द्वारा निर्माण कार्य जारी किया जा रहा है। जिसकी वजह से आसपास के किसानों को भी आने जाने में परेशानी हो रही है। फकीरा ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर बनाया जा रहा मकान को रूकवाने की मांग की है।
भीकनगांव तहसील के कोदला जागीर के हेमराज यादव ने जनसुनवाई में कहा कि राजस्व विभाग में अपनी जमीन खसरा नंबर 123/1, पटवारी हल्का नंबर 44 के नक्सा संशोधन के लिए 24 मार्च 2025 को आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है। हेमराज का कहना है कि वह बैंक लोन चुकाने के लिए जमीन बेचना चाहता है, लेकिन नक्सा संशोधन न होने से परेशान है। वह अब तक तीन बार जनसुनवाई में आवेदन दे चुका है और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर भी शिकायत कर चुका है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। हेमराज ने शीघ्र ही जमीन का नक्शा संशोधन करने की मांग की है।
कसरावद तहसील के ग्राम चितावद की सावित्री बाई ने बताया कि उनके पति प्रेमलाल की 31 मई 2024 को शाजापुर में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें संबल योजना का आर्थिक लाभ नहीं मिला है। चार छोटे बच्चों वाली सावित्री बाई ने प्रशासन से आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है। इसी प्रकार अन्य सभी आवेदकों की समस्याओं को सुना गया।