हरियाणा विधानसभा के इतिहास में पहली बार बजट सत्र के दौरान 81 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 21 पर सदन में चर्चा हुई। कुल 50 घंटे चली कार्यवाही के दौरान 15 विधेयक पारित किए गए। 160 तारांकित और 228 अतारांकित प्रश्नों के जवाब सरकार की ओर से दिए। वहीं, पूरे बजट सत्र के दौरान सिरसा से विधायक गोपाल कांडा एक बार भी सदन में उपस्थित नहीं हुए और न ही उन्होंने विधानसभा को लिखित में गैर हाजिरी का कोई कारण बताया। 
बुधवार को एमएलए हॉस्टल में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने यह जानकारी पत्रकारों से साझा की। गुप्ता ने कहा कि बजट सत्र के लिए विधानसभा को कुल 18 विधेयक प्राप्त हुए थे। इनमें से 2 को प्रवर समिति को भेजा, जबकि एक विधेयक सरकार ने वापस ले लिया। इस प्रकार व्यापक चर्चा के बाद 15 विधेयक सदन ने पारित किए। 2 मार्च से 22 मार्च तक हुई कुल 12 बैठकों में 49 घंटे 57 मिनट कार्यवाही चली। इसके अलावा, 4 दिन का सत्रावकाश भी रहा, जिसमें सभी 74 विधायकों की 8 कमेटियों ने बजट का अध्ययन किया। 
गुप्ता ने बताया कि करीब 50 घंटे की कार्यवाही में 8 घंटे 40 मिनट राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इसमें से मुख्यमंत्री के विस्तृत जवाब सहित भाजपा को 4 घंटे 44 मिनट का समय दिया। इस दौरान भाजपा के 20 विधायकों ने अपनी बात रखी। जेजेपी को 1 घंटा 4 मिनट का समय मिला, जिसमें उसके 5 विधायकों को बोलने का अवसर मिला। कांग्रेस को 2 घंटे 14 मिनट मिले, जिसमें पार्टी के 15 विधायकों ने बात रखी। इनेलो के एकमात्र विधायक को 12 मिनट मिले। इस दौरान 26 मिनट तक 3 निर्दलीय विधायक भी बोले।
सत्र की 5 बैठकें बजट पर चर्चा को समर्पित रही। कुल 10 घंटे 26 मिनट तक यह चर्चा जारी रखी। इस चर्चा में भाजपा को 5 घंटे 4 मिनट, जजपा को 41 मिनट, कांग्रेस को 3 घंटे 49 मिनट, इनेलो को 11 मिनट और निर्दलीय विधायकों को 41 मिनट मिले। इस सभी दलों के क्रमश : 20, 4, 19, 1 और 5 विधायकों को बोलने का अवसर दिया गया। 4 मार्च को 51 मिनट का शून्यकाल रहा। इस दौरान भाजपा के 3, जजपा के 1, कांग्रेस के 5 विधायकों ने अपनी बात रखी।
विधानसभा को तारांकित प्रश्नों के लिए 500 नोटिस प्राप्त हुए थे। इनमें से 385 प्रश्न स्वीकृत किए गए। बजट सत्र की कुल 12 बैठकों में से 8 की शुरुआत प्रश्नकाल से हुई और प्रत्येक दिन 20 और कुल मिलाकर 160 प्रश्न शामिल किए गए। इनमें से 101 प्रश्नों पर चर्चा हो सकी। इसी प्रकार 296 अतारांकित प्रश्नों के लिए नोटिस प्राप्त हुए थे, जिसमें से 231 स्वीकृत हुए। कुल अतारांकित 228 प्रश्नों के जवाब सदन पटल पर रखे गए।