नेशनल मेडिकल कमीशन यानी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने कहा है कि फिलीपींस के बैचलर ऑफ साइंस पाठ्यक्रम (Bachelors in Science) की तुलना भारत के एमबीबीएस (MBBS) पाठ्यक्रम से नहीं की जा सकती है। क्योंकि इसमें जीव विज्ञान के विषय कक्षा 11वीं और 12वीं के समान हैं।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने यह भी कहा कि नियमों के अनुसार, विदेशी चिकित्सा योग्यता या पाठ्यक्रम जो भारत में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के समकक्ष नहीं हैं, उन्हें देश में मेडिकल प्रैक्टिस करने हेतु पंजीकरण के लिए वैध योग्यता के तौर पर नहीं माना जा सकता।
25 मार्च को जारी अधिसूचना में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा कि उसने फिलीपींस में बीएस (विज्ञान में स्नातक) पाठ्यक्रम में पंजीकृत छात्रों के प्रतिनिधित्व पर विचार किया है, जो विदेशी चिकित्सा स्नातक लाइसेंस (एफएमजीएल) एक्ट-2021 के लागू होने से पहले प्रवेश ले चुके इंडियन मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए विशेष छूट की मांग कर रहे हैं। एनएमसी ने कहा कि फिलीपींस में बीएस और एमडी पाठ्यक्रम दो अलग-अलग डिग्री कार्यक्रम हैं।
एनएमसी ने अधिसूचना दिशा-निर्देश में कहा कि फिलीपींस के बीएस यानी बैचलर ऑफ साइंस पाठ्यक्रम को एमबीबीएस पाठ्यक्रम के साथ समकक्ष/ शामिल नहीं किया जा सकता है। इसलिए, 18 नवंबर, 2021 जब एफएमजीएल संबंधी अधिसूचना प्रकाशित की गई थी, के बाद में या पहले से ही किसी भी विदेशी चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश ले चुके हैं जोकि भारत में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के समकक्ष नहीं है, को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस पंजीकरण के लिए योग्यता के रूप में नहीं माना जा सकता है।
एनएमसी ने आगे कहा कि एफएमजीएल एक्ट 2021 से पहले फिलीपींस में एमडी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्रों के संबंध में विचार किया जा सकता है, हालांकि, यह पंजीकरण के लिए अन्य प्रचलित पात्रता मानदंडों को पूरा करने के अधीन होगा। आयोग ने कहा कि फिलीपींस में बीएस कोर्स प्री-मेडिकल कोर्स है, जिसके पूरा होने के बाद उम्मीदवारों को एमडी कोर्स (एमबीबीएस के समकक्ष) में प्रवेश लेने के लिए एनएमएटी परीक्षा में शामिल होना होता है, जो चार साल की अवधि का होता है।