महाराष्ट्र सरकार ने रूस-यूक्रेन में जंग के कारण अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर यूक्रेन से वतन लौटने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने ऐसे छात्रों के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम मॉड्यूल तैयार किया है, जिससे इन छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो सकेगी।
ऐसे छात्रों के हित में पहल करते हुए राज्य सरकार ने महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय यानी एमयूएचएस द्वारा एल्सेवियर की मदद से डिजिटल सामग्री विकसित करवाई है। यह यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए एक ऑप्शनल पाठ्यक्रम है। यह उन छात्रों के लिए एक अस्थायी व्यवस्था है, जिनकी पढ़ाई रूस-यूक्रेन जंग के कारण प्रभावित हो रही है।
 
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (एमयूएचएस), नासिक ने एक निजी संस्था एल्सेवियर के साथ मिलकर डिजिटल सामग्री तैयार की है। तीन माह की अवधि वाले इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम को गुरुवार को शुरू किया।
 
इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम मॉड्यूल को राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख और एमयूएचएस की कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर (सेवानिवृत्त) ने लॉन्च किया है। इस अवसर पर देशमुख ने कहा कि यह मॉड्यूल यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगा और उन्हें इसका लाभ उठाना चाहिए।मंत्री ने कहा कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हजारों छात्रों को वहां युद्ध के प्रकोप के कारण भारत लौटना पड़ा। इन छात्रों के शैक्षिक नुकसान से बचने के लिए, एमयूएचएस और एल्सेवियर ने बहुत ही कम समय में उनके लिए उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई है।
इस मौके पर कानितकर ने कहा कि एमयूएचएस ने ऑनलाइन लर्निंग मॉड्यूल के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित किया है, जिसे छात्र अपने फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं और पाठ्यक्रम सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। कुलपति ने बताया कि ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेने के इच्छुक छात्रों को एमयूएचएस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इस पाठ्यक्रम के लिए छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।