महाराष्ट्र स्टेट नर्सेज एसोसिएशन (एमएसएनए) की महासचिव सुमित्रा तोते ने कहा कि अगर उनकी मांग 28 मई तक पूरी नहीं होती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगी और शुक्रवार को भी वे हड़ताल पर रहेंगी।
सुमित्रा ने कहा, “नर्सों की भर्ती अगर आउटसोर्स की जाती है, तो उनके शोषण का खतरा होगा और उन्हें कम पारिश्रमिक मिलेगा। उन्हें आय के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह उनके काम को प्रभावित करेगा, जिसका मरीजों पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा कि मुंबई में लगभग 1,500 सहित सरकारी अस्पतालों की 15,000 से अधिक नर्सें हड़ताल पर हैं।
हड़ताल के प्रभाव के बारे में बात करते हुए, जेजे अस्पताल की डीन डॉ दीपाली सापले ने कहा कि दिन में तीस आपातकालीन सर्जरी की गई, जबकि एक सामान्य दिन में लगभग 70-80 सर्जरी की जाती हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास नर्सिंग के छात्र भी हैं, इसलिए हमने 183 (छात्र) नर्सों की 12 घंटे की शिफ्ट लगाई है।”
तोते ने कहा कि एमएसएनए ने अपने सदस्यों के लिए नर्सिंग और शिक्षा भत्ते के भुगतान की भी मांग की है । उन्होंने कहा कि केंद्र और कुछ राज्य नर्सिंग भत्ता के रूप में 7,200 रुपये देते हैं, इसका लाभ महाराष्ट्र की नर्सों को भी दिया जाना चाहिए।