परिवादी ने कोर्ट में बताया था कि सुमित्रा कास्डेकर ने 2020 में चुनाव के दौरान अपनी शैक्षणिक योग्यता और जन्म तारीख को लेकर झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया था।