चुनावी घोषणाओ की योजनाओं की भरपाई के लिए तीन महीने में सरकार को 25 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ेगा। इसके पहले एक साल में 40 हजार करोड़ का कर्ज पहले से लिया जा चुका है।