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किसान पंजीकृत विक्रेताओं से ही कपास बीज खरीदें और पक्का बिल लें

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जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री 

बिना अनुमति के कपास बीज एवं अन्य आदान सामग्री विक्रय करने पर होगी एफआईआर

        खरगोन। कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों से अपील की गई है कि वे कपास का बीज एवं अन्य अदान सामग्री पंजीकृत विक्रेताओं से ही क्रय करें और उसका पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें। जिले में कपास का बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। पंजीकृत कृषि आदान सामग्री विक्रेताओं को भी निर्देशित किया गया है कि बिना अनुमति के कपास बीज एवं अन्य सामग्री का विक्रय न करें। अन्यथा उनके विरूद्ध गुण नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की जायेगी। 

उप संचालक कृषि एसएस राजपूत ने बताया कि खरगोन जिले में कपास का लगभग 1.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल है, वर्तमान में कपास की बुवाई लगातार चल रही है। वर्तमान में जिले के समस्त पंजीकृत बीज विक्रेताओं के पास शासन द्वारा अनुमति प्राप्त कपास बीज की सभी किस्मे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वर्तमान   समाचार पत्रो एवं सोशल मीडिया पर जिले में बिना अनुमति के कपास बीज (4 जी. 5 जी) का अवैध व्यापार होने संबंधित खबर प्रसारित हो रही है। इस संबंध में कृषि विभाग के बीज निरीक्षकों एवं अधिकारियों द्वारा सतत बीज आदान विक्रेताओं के फर्मों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान विभाग को किसी भी फर्म पर कपास बीज (4 जी. 5 जी) बीज नहीं मिला है। आगे भी बीज विक्रेताओं की फर्मों का सतत निरीक्षण किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान किसी भी स्तर पर बिना अनुमति के कपास बीज एवं अन्य आदान सामग्री पाये जाने पर संबंधित फर्म/व्यक्ति के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। कृषि आदान सामग्री विक्रेताओं से अपील की गई है कि बिना अनुमति कपास बीज एवं अन्य आदान सामग्री क्रय नहीं करे। किसानों से भी कहा गया है कि कपास बीज सहित अन्य कृषि आदान सामग्री जिले के पंजीकृत बीज विक्रेताओं से ही क्रय करे एवं क्रय की गई कृषि आदान सामग्री का पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें।

उप संचालक श्री राजपूत ने जिले के पंजीकृत कृषि आदान विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि बिना अनुमति के कपास बीज एवं अन्य कृषि आदान का विक्रय नही करें। बिना अनुमति के कपास बीज एवं अन्य कृषि आदान सामग्री का विक्रय करते हुए पाये जाने या किसी स्तर पर कृषको द्वारा शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित फर्म या व्यक्ति के विरूद्ध गुण नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज की जायेगी।

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