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दस्तक अभियान का द्वितीय चरण 18 मार्च तक आयोजित होगा अभियान में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए अनुपूरक की खुराक कलेक्टर गुप्ता की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न

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संभाग ब्यूरो बिलाल खत्री

            खण्डवा  कलेक्टर  ऋषव गुप्ता की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दस्तक अभियान के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन के लिए बैठक आयोजित हुई, बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अनिल तंतवार को निर्देश दिए कि जन्म से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को स्वास्थ्य लाभ मिले एवं कोई भी बच्चा छूटे नहीं। 

            स्वास्थ्य टीम आगंनवाड़ी केन्द्र व स्वास्थ्य संस्थाओं में 9 माह से 5 वर्ष तक के शत-प्रतिशत बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाना सुनिश्चित करें। साथ ही पोर्टल पर एन्ट्री भी की जाना सुनिश्चित करें। एनीमिक बच्चों का नियमित रुप से फॉलोअप किया जावे। कलेक्टर  गुप्ता ने महिला एवं बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा आपसी सामजंस्य बना कर बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य-सुविधाएं देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों के पालक दस्तक अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ता व टीम का सहयोग कर अपने बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच करायें।

          मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ.पी. जुगतावत ने दस्तक अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में बाल-मृत्यु प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा प्रतिवर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दस्तक अभियान चलाया जाता है। दस्तक अभियान का द्वितीय चरण 18 फरवरी से 18 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य टीम द्वारा स्वास्थ्य संस्थाओं तथा आगंनवाड़ी केंद्रों में 9 माह से 5 वर्ष तक को बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाई जा रही है। जिसमें जन्म से 5 वर्ष के बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएंे दी जा रही हैं। जन्म से 5 वर्ष तक के एनीमिक बच्चों का फॉलोअप कर सेहत की जांच कर रहे हैं। 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की अनुपूरक खुराक जिसमें 9 माह से 1 वर्ष तक के बच्चों को 1 एमएल व 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को 2 एमएल खुराक पिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक देकर बच्चों की रोग प्रतिरोध क्षमता में वृद्धि होती है। शरीर का संक्रमण, कुपोषण और अन्य बीमारियों से बचाव होता है, वृद्धि में विकास में सहायता करता है, त्वचा और आंखों को स्वस्थ रखता है, रतौन्धी से बचाव, एनीमिया नियंत्रण में सहायक, मीजल्स एवं दस्त रोग से होने वाली मृत्यु रोकता है। समुदाय में 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग की जा रही है। 

         बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. नागार्जुन बी गोड़ा , अपर कलेक्टर  के.आर. बड़ोले,  अरविन्द कुमार चौहान, सभी एस.डी.एम. सहित विभिन्न जिला अधिकारीगण मौजूद थे।

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