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खरगोन में विश्व क्षय दिवस का हुआ आयोजन

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डॉट्स पद्धति से नियमित उपचार पूर्ण करने से 90 प्रतिशत क्षय रोग से मिलती है मुक्ति

इक़बाल खत्री 

            खरगोन। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी 24 मार्च को जिला चिकित्सालय में विश्व क्षय दिवस का आयोजन किया गया। क्षय दिवस भारत सरकार द्वारा घोषित Yes, you and I can, end TB की थीम पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला क्षय अधिकारी डॉ. हर्ष महाजन ने बताया कि खरगोन जिले में क्षय रोग की जांच के लिए 24 प्रयोगशाला केन्द्र, 03 सीबीनॉट साईट एवं 10 ट्रूनॉट साईट जांच के लिए उपलब्ध है। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान 2025 के तहत जिले में 105 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। डॉट्स पद्धति से नियमित उपचार पूर्ण कर लेने के पश्चात 90 प्रतिशत क्षय रोगी टीबी की बीमार से मुक्ति पा चुके हैं। 

    जिला क्षय अधिकारी डॉ हर्ष महाजन ने बताया कि जिले में जनवरी 2025 से फरवरी 2025 तक 521 क्षय रोगियों को चिन्हित किया गया है जिनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। शासन द्वारा जिले में क्षय रोगियों को 01 हजार रुपये प्रतिमाह पोषण आहार राशि डीबीटी के माध्यम से मरीज अथवा मरीज के परिवारजन के बैंक खाते में जमा की जाती है। डॉ. महाजन ने समस्त प्रायवेट चिकित्सकों एवं प्रायवेट स्वास्थ्य सस्थाओं से अपील की है कि क्षय रोगियों की स्क्रीनिंग करते हुए उनका नोटिफिकेशन भी कराएं। 

    सिविल सर्जन डॉ. अमरसिंह चौहान ने सभी जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वयंसेवी संस्था, समाज सेवी संस्थाओं एवं समासेवी आम जनता से अपील करते हुए कहा कि निक्षय मित्र बनकर जिले मे उपचाररत क्षय रोगियों को क्षय रोग से मुक्त होने में मदद करे। इसकें लिए अपनी स्वेच्छानुसार क्षय रोगियों को फुड बास्केट वितरित करे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम.एस. सिसोदिया ने बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाते है एवं वह पाजेटिव टीबी मरीज होता है तो वह 10 से 15 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। यदि किसी में भी क्षय रोग के लक्षण हो तो वह स्वयं जाकर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में खकार परीक्षण अवश्य करवाएं। साथ ही परिवार के सभी व्यक्तियों की जाँच करवाकर क्षय मुक्त मध्यप्रदेश बनाने में सहभागी बने। 

    जिला कार्यक्रम समन्वयक (क्षय) विजय ठक्कर ने बताया कि क्षय रोगी को ईलाज अवधि में स्वस्थ्य लाभ लेने के लिए घर का पौष्टिक आहार लेना, उच्च प्रोटीन वाला खाना खिलाए, इम्यूनिटी को मजबूत रखना एवं नियमित दिनचर्या बनाए रखने का कहा गया। ऐसा करने से क्षय रोगी जल्दी ठीक होते है। इस अवसर पर जिला क्षय अधिकारी डॉ हर्ष महाजन द्वारा 20 क्षय रोगियो को फुड बास्केट का वितरण स्वयं के व्यय पर किया गया। कार्यकम के अन्त में जिला क्षय अधिकारी डॉ. हर्ष महाजन ने सभी का आभार व्यक्त किया।

टीबी के मुख्य लक्षण

जिला क्षय अधिकारी डॉ. महाजन ने बताया कि खंखॉर (बलगम) में खुन आना, दो सप्ताह से अधिक खाँसी आना, भूख नहीं लगना, लगातार बुखार रहना, वजन में कमी होना एवं छाती में दर्द होना ये सभी क्षय रोग होने के लक्षण है। डॉ. महाजन ने बताया कि इनमें से किसी भी एक के लक्षण होने परटीबी (तपेदिक) की जॉच अवश्य कराएं। यह सुविधा सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क उपलब्ध है।

क्षय रोग के लिए हाई रिस्क ग्रुप

जिला क्षय अधिकारी डॉ. महाजन ने बताया कि क्षय रोग के लिए हाई रिस्क ग्रुप के अंतर्गत क्षय रोगी के संपर्क व्यक्ति, एच. आई. वी. ग्रसित, कुपोषित बच्चे, उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह से ग्रसित आमजन, सिलिकोसिस, किडनी से संबंधित रोग एवं कैंसर ग्रसित कोई भी व्यक्ति हो सकता है। किसी भी हाई रिस्क ग्रुप मे होने पर टीबी (तपेदिक) की जाँच अवश्य करावे। यह सुविधा सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओ मे निःशुल्क उपलब्ध है। डॉ. महाजन ने बताा कि किसी भी परिस्थिति में टीबी का ईलाज अधूरा नहीं छोड़ना है। क्योंकि टीबी का ईलाज अधूरा छोड़ने पर ड्रग रजिस्टेन्ट टीबी होने की संभावना अधिक रहती है। ईलाज के दौरान सेवन कार्य एसं समय पर भोजन नहीं करने, गुणवत्ता पूर्ण खानपान नहीं होने से भी एमडीआर टीबी होने की संभावना अधिक रहती है।

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