कुछ दिनों में त्रिपुरा की राजनीति काफी उथल-पुथल रही। पिछले हफ्ते बिप्लव देव की जगह माणिक साहा को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनाया दिया गया। इसी से अंदाजा लगाया सकता है कि त्रिपुरा भाजपा में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वहीं बिप्लव देव जब त्रिपुरा के सीएम बने थे तो उनके कई अजीब बयान भी सामने आए थे। वहीं अब राज्य के कानून और शिक्षा मंत्री रतनलाल नाथ ने पूर्व सीएम बिप्लव देव की तुलना रवींद्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और अल्बर्ट आइंस्टीन से कर दी है।
राज्य में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री रतनलाल नाथ ने कहा कि मेरा 50 साल का राजनीतिक कैरियर है इसमें मैं करीब 29 साल विधायक रहा। मैंने सचिंद्र लाल सिंह से लेकर बहुत सारे मुख्यमंत्रियों को देखा। लेकिन बिप्लव देव एक ऐसे नेता हैं जिनको जननेता कह सकते हैं। उन्होंने राज्य को एक नई दिशा और नए सपने दिए हैं।
रतननाथ ने कहा कि कभी हमारे देश में नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और आइंस्टीन जैसे कुछ महान नेता पैदा हुए थे। हर जगह हर महान व्यक्ति पैदा नहीं होता है। आगे उन्होंने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारे राज्य में बिप्लब देब जैसा व्यक्ति पैदा हुआ।
इस मामले में जब मुख्यमंत्री माणिक साहा से बात की गई तो उन्होंने कहा, बिल्कुल बिप्लव देव के योगदान की तुलना नहीं की जा सकती। हम इस बात को मानते हैं। अब भी वह कार्य कर रहे हैं। नाथ ने जो बात कही है वह तो उनसे ही पूछी जानी चाहिए। त्रिपुरा में भाजपा के कई नेताओं का कहना है कि बिप्लव देव को अचानक हटाना सही नहीं था। राज्य में भाजपा की सत्ता लाने में उनका बड़ा योगदान रहा है।
सूत्रों ने कहा कि मंत्री रतनलाल नाथ की टिप्पणियों का उद्देश्य पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को एक बड़ा संदेश देना हो सकता है। जबकि भाजपा नेतृत्व ने जोर देकर कहा है कि देब को सीएम के रूप में बदल दिया गया था ताकि उन्हें संगठन के लिए काम करने और 2023 के चुनावों की तैयारी के लिए और अधिक समय दिया जा सके। वहीं इस मामले पर बिप्लव देव ने भी कोई बयान नहीं दिया है। वहीं सीएम पद से हटाए जाने के बाद देब को अभी तक कोई राजनीतिक प्रभार नहीं दिया गया है। इसी चलते भी बिप्लव के समर्थकों में खासा नाराजगी हो सकती है।