पढ़ाई का नाम लेते ही इन मासूमों के चेहरे पर मुस्कान बिखर जाती है। इनका स्कूल सुबह को नहीं शाम की पाली में चलता है। यहां ये पढ़ना-लिखना तो सीखते ही हैं, साथ ही इनके रहने के तौर तरीकों में भी बदलाव आ गया है।