पीड़ित ने जाली दस्तावेजों के जरिए उसकी 25 करोड़ की संपत्ति कब्जाने का आरोप लगाते हुए पांच आरोपियों के खिलाफ मुंबई अपराध शाखा से शिकायत की थी। जिसके बाद मुंबई अपराध शाखा ने पांच को गिरफ्तार किया।