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जिला अस्पताल के डॉक्टर का अमानवीय कृत्य, ओपीडी पर्ची लाने में हुई देरी तो कहा डायलिसिस कर दो बंद

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बिलाल खत्री

अलीराजपुर। आए दिन विवादों में गिरे रहने वाले जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर भूपेंद्र यादव एक बार फिर चर्चा में आए और उन्होंने मानवता को तार तार करते हुए अमानवीय कृत्य करने की धमकी दे डाली। जिसके बाद प्रजापति समाज के लोगों ने डॉ भूपेंद्र यादव का विरोध करते हुए सिविल सर्जन के कमरे के बाहर अचानक धरना दे दिया, जिससे अस्पताल में अफरा तफरी मच गई । 

इसके बाद सिविल सर्जन डॉक्टर प्रकाश ढोके प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे और मामला जानकर समाज के सभी लोगों से डॉक्टर के व्यवहार को लेकर खेद व्यक्त करते हुए मरीज और उनके परिजनों को हुई असुविधा के लिए क्षमा मांगी और तत्काल कार्रवाई करते हुए डॉ भूपेंद्र यादव को डायलिसिस के नोडल पद से हटा दिया।

 दरअसल अलीराजपुर के प्रजापति समाज का वरिष्ठ जगदीश प्रजापति नियमित डायलिसिस करवाने के लिए अस्पताल पहुंचे, उनके बेटे संतोष प्रजापत ने डायलिसिल शुरू होने के बाद परिवार के किसी सदस्य के निधन के चलते अस्ति संचय के लिए मुक्तिधाम चले गए,  जहा से लगभग 20/25 मिनिट में यह पुनः लौट ही रहे थे तभी डायलिसिस के नोडल अधिकारी दो भूपेंद्र यादव ने डायलिसिस टेक्निशियन के माध्यम से संतोष प्रजापति को फोन लगवाया और ओपीडी आईपीडी पर्ची देने को कहा। जिस पर संतोष प्रजापति ने बताया कि ओपीडी आईपीडी पर्ची सुबह 8:30 बजे ही बनवा ली थी अस्थि संजय के लिए जाना था इसलिए जल्दी-जल्दी में जेब में ही आ गई मैं रास्ते में ही हूं 5 मिनट में अस्पताल पहुंच रहा हूं।

 इतने में पीछे से डायलिसिस नोडल प्रभारी डॉ भूपेंद्र यादव ने चिल्ला चोट करते हुए डायलिसिस करवा रहे मरीज जगदीश प्रजापति की डायलिसिस बंद करने का आदेश देते हुए भविष्य में जिला अस्पताल में डायलिसिस न करवाने की धमकी दे दी। डॉ यादव की धमकी से घबराए उनके बेटे ने इसकी सूचना समाजजनों को दी, जिसके बाद प्रजापति समाज के कई लोग एकत्रित होकर जिला अस्पताल पहुंचे और मंत्री सांसद स्वास्थ्य हेल्पलाइन के प्रभारी गोविंद गुप्ता को भी इसकी सूचना दी। 

सूचना मिलने पर  गुप्ता भी डॉ भूपेंद्र यादव से चर्चा कर कहा कि आप अपने शब्दों को सुधारे, पूरे अस्पताल में आप सिर्फ एक ही चिकित्सक है, जिनके व्यवहार की बार-बार हर आम आदमी, गरीब व्यक्ति शिकायत कर रहा है। किंतु डॉ यादव वहां पर भी ऊंची आवाज में चिल्ला चोट करने लगे। जिसके बाद  गुप्ता भी प्रजापति समाज के आंदोलनकारिर्यों के पास पहुंचे और उन्हीं के साथ सिविल सर्जन के कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए। 

कुछ देर में सिविल सर्जन डॉ प्रकाश ढोके ने स्वयं पूरा मामला समझा और त्वरित कार्यवाही करते हुए डॉ भूपेंद्र यादव को डायलिसिस वार्ड के प्रभारी नोडल पद से हटाते हुए डॉ अनिल कुमावत को डायलिसिट वार्ड का प्रभारी बनाया।

घटना की सूचना कलेक्टर एवं एसडीएम को भी दी गई जिसके बाद  एसडीएम तपिश पांडे मौके पर पहुंचे और प्रजापति समाज के लोगों से चर्चा  कर ज्ञापन लिया।

एसडीएम पांडे ने भी डॉ भूपेंद्र यादव के व्यवहार को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए CMHO को तत्काल कार्यवाही करते हुए यादव को जिला अस्पताल से अन्यत्र भेजने के आदेश दिए।आपको बता दे कि यह वही भूपेन यादव है जिनके खिलाफ कुछ दिन पूर्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भी आंदोलन करते हुए कार्यवाही की मांग की थी, वहीं जिला अस्पताल के ही सभी सफाई कर्मियों ने भी डॉक्टर भूपेंद्र यादव के खिलाफ कुछ दिन पूर्व प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा था। जिला अस्पताल में कई डॉक्टर्स हैं, सभी डॉक्टर्स का व्यवहार संतोषजनक है किंतु सिर्फ डॉ यादव के अभद्र व्यवहार के चलते सिर्फ इनकी ही शिकायतें बार बार आ रही। एक ओर हमारे मंत्री और सांसद निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। वही जिला अस्पताल में गरीब ग्रामीणों सहित सभी जिलेवासी अपनी बीमारी से परेशान होकर आते है, ऐसे में उनसे अभद्र और कठोर भाषा के साथ धमकाने जैसे शब्दों का उपयोग करना निंदनीय होकर कार्यवाही योग्य है। गोविंद गुप्ता – प्रभारी मंत्री सांसद स्वास्थ्य हेल्पलाइन ये अस्पताल भूपेंद्र यादव की निजी संपत्ति नहीं है, उनका अभद्र व्यवहार ओर धमकियां आए दिन सामने आती है। उनका अहंकार ऐसा है जैसे वे चिकित्सक नहीं, पूरे स्वास्थ्य विभाग के मुखिया हो। उनको नौकरी नहीं करना हो तो यूं भी निजी क्लीनिक है, यहां छोड़ कर वहीं काम करे। यहां आमजन की सेवा करने वाले सभी दूसरे डॉक्टर्स हैं। 

 – दिनेश प्रजापति, वरिष्ठ समाजजन प्रजापति समाज।

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