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प्राकृतिक खेती- प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने का बेहतर तरीकाग्राम तुकईथड़ के तुलसीराम 5 साल से कर है प्राकृतिक खेती, कमा रहे है अच्छा मुनाफाकृषि एवं उद्यानिकी विभाग से मिला सहयोग

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संभाग ब्यूरो बिलाल खत्री
बुरहानपुर प्राकृतिक संसाधन मानव जीवन को सुगम बनाते है, हमारा भी दायित्व है कि, हम प्रकृति का ख्याल रखें। प्राकृतिक खेती इसका बेहतर उदाहरण है, जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं, कई किसानों द्वारा इसे अपनाया गया है। जिले के ग्राम तुकईथड़ के जागरूक किसान तुलसीराम जामरे 5 साल से प्राकृतिक खेती कर रहे है।

वे खेती में उपयोग होने वाली खाद सामग्री स्वयं ही तैयार करते है। तुलसीराम 5 एकड़ में केले एवं गेहूँ की प्राकृतिक खेती करते है, वह कहते है कि, यह खेती केवल तकनीक नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने का तरीका है। इससे फसलें भी बेहतर होती हैं और प्रकृति को भी कोई नुकसान नहीं होता है।

प्राकृतिक खेती से कमा रहे मुनाफा
तुलसीराम कहते है कि, मैं, रासायनिक खेती के बजाय प्राकृतिक खेती को अपनाता हूँ, इससे मुझे अधिक मुनाफा हो रहा है वहीं लागत व्यय में भी कमी आयी है। उन्होंने बताया कि, वे बाजार से कोई रसायनिक उर्वरक अथवा दवाईयां नहीं खरीदते है। फसलों को कीटों से बचाने के लिये पांच पत्ती काढ़ा को बनाकर उसका उपयोग करते है।

कलेक्टर ने की सराहना, प्राकृतिक खेती से हो रहा लाभ

किसान तुलसीराम द्वारा किये जा रहे इस कार्य की कलेक्टर हर्ष सिंह ने सराहना की है। प्राकृतिक खेती से रसायन मुक्त, पोषक तत्वों से भरपूर फसल प्राप्त होती है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। किसान तुलसीराम कहते है कि, प्राकृतिक खेती से उगाये गये गेहूँ की रोटी खाने में स्वादिष्ट लगती है, वे गेहूँ एवं केले को अच्छे दामों पर बाजार में विक्रय करते है। तुलसीराम बताते है कि, खेती करने के पहले वे गुजरात की एक प्राईवेट कंपनी में सुपरवाईजर के पद पर काम करते थे।

कृषि एवं उद्यानिकी विभाग से मिल रहा मार्गदर्शन

जिले में परंपरागत कृषि विकास योजनांतर्गत कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को मार्गदर्शित किया जा रहा है। किसान तुलसीराम कहते है कि, विभाग के मार्गदर्शन में वह अपनी खेती को लगातार उन्नत बना रहे हैं। उनकी सफलता और अनुभव अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन रही है।

पीएमएफएमई योजना के तहत की तेल यूनिट की स्थापना

तुलसीराम को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का भी लाभ मिला है। उन्हें योजना अंतर्गत अपनी ईकाई स्थापित करने के लिए, 2 लाख 8 हजार से अधिक राशि का अनुदान स्वीकृत हुआ है। जोगश्वरी नेचरल कृषि फर्म तुकईथड़ के नाम से कोल्ड प्रेस ऑईल मिल का संचालन करते है। विदित है कि, जिले में शासकीय योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिल रहा है, लाभार्थी आत्मनिर्भर होकर उन्नति की ओर बढ़ रहे है।

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