2018 के चुनाव में आदिवासी वोटर छिटकने के कारण भाजपा की दोबारा सरकार नहीं बन पाई थी और कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी। यही वजह है कि सिंघार के बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही चुनौती बढ़ गई है।