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लोक अदालत में समझौता के आधार पर होता है निराकरण – न्यायाधीश अखिलेश जोशी

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लोक अदालत का नारा दोनो जीतें कोई नहीं हारा 

जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री 

       खरगोन । म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देश पर दिनांक 10 मई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला न्यायालय परिसर मण्डलेश्वर में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मण्डलेश्वर  अखिलेश जोशी द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ किया गया।

    इस अवसर पर प्रेरणादायी उद्बबोधन में  प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मण्डलेश्वर अखिलेश जोशी ने कहा कि ‘‘लोक अदालत की भावना एक अत्यंत पवित्र भावना है, जिसमें पीड़ित पक्ष को बिना लड़े समझौते के आधार  पर सहायता दिलायी जाती है‘‘। पीड़ित पक्ष को वास्तविक न्याय उपलब्ध कराया जाता है। नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण करने में सबके सकारात्मक सहयोग की बात कही जिससे कि पक्षकारों को शीघ्र, सस्ता एवं सुलभ न्याय मिल सके। 

      इस अवसर पर नेशनल लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय पंकज सिंह माहेश्वरी , जिला न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह, रवि झारोला, राजकुमार चौहान, दीपक चौधरी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रीति जैन, न्यायाधीश मोहित बड़के, शिवागंनी भट्ट, कार्यकारी अध्यक्ष जिला अभिभाषक संघ विजय जोशी अधिवक्ता अजय कुमार वर्मा (ठाकुर), कार्तिक जोशी के.सी.तोनगर, आर.एस.यादव, सी.के.जैन, एस.एल.यादव, जिला विधिक सहायता अधिकारी चन्द्रेश मण्डलोई, लीगल एड डिफेंस अधिवक्ता रूपेश कुमार शर्मा, निशा कौशल , बैंक अधिकारीगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण पैरालीगल वालेन्टियर्स जोजू.एम.आर. दुर्गेश सिंह राजदीप नवीन ठाकुर एवं पक्षकारगण सम्मिलित रहें।

 

        नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों की संख्या में पक्षकारगण, आम नागरिक लाभांवित हुए। विशेषकर पारिवारिक विवादों के समाधान के साथ-साथ क्लेम, विद्युत चोरी, चेक बाउंस, आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुए परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीडित व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवॉर्ड भी पारित हुए। इसी प्रकार जिला बड़वानी निवासी पक्षकार का विवाह इन्दौर निवासी पक्षकार के साथ वर्ष 2003 में हुआ था पारिवारिक कलह के कारण पिछले 01 वर्ष से अलग-अलग रह रहे थे। पति ने पत्नी के विरूद्ध धारा 09 हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत दाम्पत्य संबंधों की पुर्नस्थापना का केस लगाया था। उभयपक्ष की संतान भी थी, उभयपक्ष को पंकज सिंह माहेश्वरी के द्वारा समझाइश दी गई जिसके परिणाम स्वरूप उभयपक्ष के मध्य समझौता हुआ। पति-पत्नि को  प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश  अखिलेश जोशी से  आशीर्वाद प्राप्त कर खुशी-खुशी साथ रहने के लिए न्यायालय परिसर से रवाना हुये।  इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मण्डलेश्वर प्रीति जैन एवं खण्डपीठ अधिवक्तागण उपस्थित रहे। वनविभाग के सहयोग से प्रकरणों में समझौता करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष प्रदान किया गया।

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