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56 भोग लगाकर गोवर्धन पूजा सम्पन हुई

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धार इकबाल खत्री 

            सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन अर्धनारेश्वर मंदिर मे भागवत कथा के पाचवे दिन कथा वाचक अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित धर्मेंद्र कुमार नागर जी ने बताया की भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करने के गिरीराज पूजा कराई तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होंने कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। उन्होंने कहा कि मन से नमन और मन से मनन करेंगे तो जिंदगी की सारी समस्याओं का हनन हो जाएगा  अंतर्राष्ट्रीय नागरजी ने बताया कि पांचवे दिवस कथा में गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग प्रसाद का वर्णन किया। गिरिराज जी की कथा श्रवण कराते हुए छप्पन भोग लगाया गया ।

 श्रद्धलुओं ने अपने अपने घरों से 56 प्रकार के भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाए। कथा में पूतना उद्धार एवं बकासुर वध का वृतांत सुनाते हुए उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म व बाल लीलाओं का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जो जीव भगवान के सामने आ जाए उसका भगवान उद्धार कर देते हैं, चाहे वह मनुष्य हो या राक्षस, कालिया नाग की कथा के माध्यम से बताएं की नदियों को साफ रखो मां नर्मदा में स्नान करने जाए तो सफाई करें और गंदगी करने से लोगों को रोके वह जगत जननी मां है। ग्वालों और गोपियों ने कई वर्षों तक तप किया था तब भगवान ने उनके बीच अवतार लेकर उनको आनंद प्रदान किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। साथ ही आज सांयकाल 6 बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है अर्धनारेश्वर मंदिर समिति ने अधिक से अधिक संख्या में पधार कर प्रसादी ग्रहण कर धर्म लाभ लेने करने की अपील की

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