दक्षिण भारत से आने वाले आदिवासी समुदाय के किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर बीजेपी दक्षिण भारत के लोगों को विशेष संदेश देना चाहती है। इसे पार्टी की दक्षिण भारत विजय अभियान के एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।