मौसम के हिसाब से रंग बदलते सैकड़ों सालों की उम्र लिए चिनार के पेड़ जम्मू-कश्मीर में हर बदलाव के गवाह हैं। इन्होंने यहां की शैव परंपरा, सूफी मत और कश्मीरियत को महसूस किया है।