यूएनजीए के बयान के अनुसार, उनकी यात्रा में सरकारी अधिकारियों, प्रमुख राष्ट्रीय वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के साथ बातचीत भी शामिल होगी और स्थायी जल उपयोग से संबंधित क्षेत्र के दौरा भी शामिल होगा।