जिला ब्यूरो इक़बाल खत्री 

        खरगोन। जिला खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा खिलाड़ी बालक बालिकाओं के लिए ग्रीष्मकालीन खेल शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में खिलाड़ी बालक बालिकाओं को जिला बाल कल्याण समिति ने बाल संरक्षण के विभिन्न विषय जैसे बाल श्रम, बाल विवाह, बालको के विरुद्ध हिंसा व लैंगिक हिंसा आदि  विषय पर अधिनियम में दिए गए प्रावधानों से अवगत कराया गया तथा किस प्रकार सावधानी रखकर इनसे बचा जा सकता है इसकी जानकारी दी गई। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेश जोशी, सदस्य श्रीमती सीमा जोशी, सदस्य श्रीमती वर्षा परसाई एवं जिला खेल अधिकारी पवी दुबे उपस्थिति रही। 

        बाल कल्याण समिति सदस्य सीमा जोशी ने बताया कि बाल कल्याण समिति का गठन किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत किया जाता है। जो कि एक न्यायपीठ होती है और उसे प्रथम श्रेणी न्यायिक न्यायाधीश की शक्ति प्राप्त होती है। बाल कल्याण समिति को देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चो के संबंध मे निर्णय लेने का अधिकार होता है। परिवार से पृथक बच्चों को परिवार में मिलाना, अनाथ, परित्यक्त, बच्चो के संबंध में निर्णय का अधिकार होता है। पालन-पोषण बच्चों के जीवन व व्यक्तित्व विकास में बाधक समस्त वास्तविक व संभावित खतरे से रक्षा करने तथा बच्चो के लिए कार्य करने सभी विभागों से समन्वय करना व अन्य कार्य होते है। साथ ही बच्चों की मदद के लिए चाइल्ड हेल्प लाईन नंबर 1098 व 112 की जानकारी दी गईं। 

        बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेश जोशी ने बताया कि बच्चों के संरक्षण के लिए विभिन्न अधिनियमों में सख्त प्रावधान दिए गए है। किंतु फिर भी बच्चो के विरुद्ध अपराध में  कमी नहीं होती है। अपराध में कमी जागरूकता से होंगी। बच्चों के विरुद्ध लैंगिक अपराध पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे छोटी-छोटी सावधानी रखकर हम बच्चों के विरुद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों की रोकथाम सकते हैं। इसमें सभी की अपनी अपनी भूमिका है। जन समुदाय, परिवार, स्कूल के शिक्षक एवं बच्चे स्वयं की भूमिका बच्चे को यह सावधानी रखनी चाहिए कि अनजान व्यक्ति से दोस्ती नहीं, उनसे कोई वस्तु या खाने पीने की चीज नहीं लेना, सून सान वाली जगहों पर अकेले नहीं जाना, मोबाईल का उपयोग केवल पढ़ाई के लिए ही करना, सोशल मिडिया पर अपने फोटो नहीं डालना व अनजान को फ्रेंड नहीं बनाना चाहिए। 

        इस दौरान श्री जोशी ने सबसे महत्वपूर्ण बात कही कि अगर कोई आपको स्पर्श करता है तो उसके स्पर्श को समझना जिसे सहज और असहज स्पर्श नाम दिया गया है। जिसे हम पूर्व में गुड टच और बेड टच कहते थे। अगर उस स्पर्श को असहज महसूस करें तो तत्काल रिएक्ट कीजिए, आंखें दिखाइए पीछे हटीये, ताकि उसे आभास हो जाए कि आप समझ चुके है और अपने परिवार में इसे बताइए, या अपने शिक्षक को बताइये। अगर आप परिवार में नहीं बतायेगे या रिएक्ट नहीं करेंगे तो हरकत करने वाले की हिम्मत खुल जाएगी और आगे बड़ी घटना होने की संभावना बन जाएगी। इसलिए प्रारंभ में उसे रोकना चाहिए। साथ ही रिपोर्ट कैसे करना है व पुलिस, मेडिकल, न्यायालय की इसमें भूमिका को विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम में खरगोन ब्लॉक समन्वयक जीतेन्द्र हिरवे ने संचालन एवं आभार व्यक्त किया। खिलाडियों के साथ कोच उच्छमसिंह रावत, ज्योतिबाला रावत, राकेश अंथनकर, जवान सिंह एदनावर, रितिक बिल्लोरे, आदि उपस्थित थे।