हमीदिया अस्पताल का स्टॉफ मरीजो के परिजनों से करता है दुर्व्यवहार…

        भोपाल / मध्यप्रदेश के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में यूं तो पूरा ईलाज मुफ्त और अच्छा होता है लेकिन अस्पताल के नई बिल्डिंग में स्थित मेडिसिन विभाग के स्टॉफ का रवैया मरीजो के परिजनो के साथ ठीक नही है मरीजो के परिजनों के साथ स्टॉफ अभद्रता करता है दुर्व्यवहार करता है डाँटना, चिल्लाना ये उनके मिज़ाज में घुट्टी की तरह मिला हुआ है ऐसा लगता है अस्पताल इनके बाप की बपौती है और ये अस्पताल के मालिक है मरीज़ और मरीजों के परिजन इनके गुलाम है,  जो ये कहेंगे परिजनों को वो करना पड़ेगा ये अस्पताल पर हुकूमत कर रहे हैं और अस्पताल में इनकी तानाशाही चल रही है कौन अस्पताल में आएगा और कौन अस्पताल में नही आएगा इसका फैसला हमीदिया  बदतमीज़ स्टॉफ करता है अगर आप कोई रसूखदार हो, पत्रकार हो, पुलिस वाले हो, सेना के जवान हो, या कोई नेता हो तो ये आपके सामने भीगी बिल्ली बन जाएंगे लेकिन आम लोगो के लिए ये ग़ज़बनाक शेर से कम नही है रोज़ाना मरीजो के परिजनों की तकरार, बहस और गाली-गलौच स्टॉफ प्रबंधन से हो जाती है और नोबत मारपीट तक पहुंच जाती है इनकी हरकतों और बर्ताव की वजह से मरीजो के परिजन इनको पीटने पर मजबूर हो जाते है हमीदिया अस्पताल के स्टॉफ को किसी की परवाह और डर नही है ये अस्पताल में मनमानी करते है हमीदिया अस्पताल में हज़ारो की तादाद में लोग ईलाज कराने आते है और अक्सर इनमें गाँव, देहात के लोग होते है और उन सभी का सामना यहाँ के बेशर्म स्टॉफ से होता है मरीज के परिजनों को ये वेटिंग रूम में बैठने नही देते है नीचे भगा देते है और नीचे से ये लोग उनको बाहर निकाल देते है कुछ महिलाएं हमारे रिपोर्टर को बता रही थी यहाँ का स्टॉफ हमे कही बैठने नही देता आईसीयू के वेटिंग रूम में दरी, चादर बिछाने नही देते, और भूख लगने पर खाना खाने नही देते और नीचे भगा देते है नीचे आकर बैठते है तो नीचे का स्टॉफ हमे यहाँ बैठने नही देता और अस्पताल के बाहर भगा देता है अब इस भरी गर्मी में हम लोग जाए तो कहाँ जाए यहाँ के स्टॉफ के व्यवहार के कारण लोग यहाँ ईलाज करवाना पसंद नही करते है और जिनके पास पैसा होता है वो प्राइवेट अस्पताल में ईलाज कराना बेहतर समझते है लेकिन गरीब और मजबूर लोगो को मजबूरन सरकारी अस्पताल में ईलाज कराना पड़ता है और स्टॉफ की बदसुलूकी का शिकार होना पड़ता है हमीदिया अस्पताल अधीक्षक इस पर संज्ञान ले और मरीजो के परिजनों से बदसुलूकी करने वालो पर कठोर कार्यवाही करके इन्हें अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए और ऐसे स्टॉफ की नियुक्ति करे जो लोगो से हमदर्दी और मोहब्बत से पेश आए।

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