जिले मे नरवाई जलाने वालो के विरुद्ध सख्त कार्यवाही एवं अर्थ दण्ड की तैयारी

Jansampark Khabar
0


         धार ब्यूरो चीफ इकबाल खत्री

                 उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास में बताया कि जिले  में गेहूं फसल की कटाई हॉर्वेस्टर से करने के बाद कुछ किसान भाई फसल अवशेष (नरवाई) में आग लगाकर खेत की सफाई करते हैं। नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीव केचुआ आदि मर जाते हैं और भूमि कठोर हो जाती है, जिससे खेत की तैयारी में अधिक ऊर्जा एवं समय लगता है । साथ ही मृदा का कार्बनिक पदार्थ भी नष्ट हो जाता है। जिससे खेत की उपजाऊ क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिससे दिनोंदिन उत्पादकता कम होती जा रही है। नरवाई जलाने से पशुओं का चारा (भूसा) भी जलकर नष्ट हो जाता है। जिससे नरवाई जलाना किसानों के लिए एक आत्मघाती कदम है।

        कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन मे प्रत्येक ग्राम पंचायत में कृषि विभाग के अमले द्वारा नरवाई प्रबंधन की जानकारी कृषक संगोष्ठियों के माध्यम से दी जा रही है। मैदानी अमले द्वारा कृषकों को नरवाई न जलाने की सलाह दी जा रही है। विकासखंड स्तर पर कृषि, राजस्व तथा पंचायत विभाग के साथ समन्वय कर कृषकों से संवाद कर नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। साथ साथ विगत सप्ताह से कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा नरवाई प्रबंधन हेतु जागरूकता रथ के माध्यम से विकास खण्ड धार, तिरला, नालछा, सरदारपुर एवं बदनावर के क्षेत्रो मे नरवाई नही जलाने हेतु प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जागरुकता रथ के माध्यम से कृषकों को स्ट्रॉरीपर (भूसामशीन) से भूसा बनाना, मल्चर मशीन और जिले मे उपयोग हो रहे जुगाड्डु यंत्र पाटा द्वारा फसल अवशेषों को बारिक काटकर खेत में मिलाकर जैविक खाद बनाना, रुपर सीडर से बिना नरवाई में आग लगाये सीधे तीसरी फसल मूंग की बुआई करना, स्ट्रॉरीपर के बाद रोटावेटर या गहरी जुताई करना आदि के बारें में कृषको को जानकारी दी जा रही है।किसानो द्वारा लगातार नरवाई जलाने की घटनाए परिलक्षित हो रही है, सेटेलाईट से प्राप्त डेटा अनुसार तहसीलवार एवं ग्रामवार प्रतिदिन नरवाई जलाने संबंधित आंक्ष कडे प्रदर्शित हो रहे है। नरवाई जलाने संबंधित घटनाओ को नियंत्रण हेतु कृषको के विरूद्ध राजस्व एवं कृषि विभाग के मैदानी अमले के अधिकारियो के माध्यम से पंचनामे तैयार किये जाकर नरवाई जलाने वाले कृषको के विरूद्ध अर्थ दण्ड की कार्यवाही की जा रही है। अनुभाग धार अन्तर्गत विकास खण्ड धार, तिरला, नालछा, सरदारपुर एवं बदनावर से लगभग 83 प्रकरण तैयार किये गये है। जिन पर तहसीलदार के माध्यम से नोटिस तैयार किये जा कर अर्थ दण्ड हेतु नोटिफिकेशन एवं कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा की जावेगी।

       अतः नरवाई नही जलाने हेतु किसान भाईयो से अपील की जाती है कि वर्तमान मे पर्यावरण में धरती माँ को सूरक्षित रखते हुए मृदा मे जीवांश एवं कार्बनिक तत्वो की मात्रा बढाने के उद्देश्य से मिट्टी को सुरक्षित एवं स्वस्थ बनाये रखने हेतु नरवाई नही जलाए। उपरोक्त उचित प्रबंधन एवं यंत्रो का उपयोग करते हुए धरती माँ को सुरक्षित रखें।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)