मुंबई / गुज़रे ज़माने के वरिष्ठ और दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का आज सुबह मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया है वो 87 वर्ष के थे मनोज कुमार को कुछ दिन पहले ही बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ आज सुबह उन्होंने अंतिम साँस ली।
फ़िल्म इंडस्ट्रीज में भारत कुमार के नाम से पहचान बनाने वाले मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गिरी गोस्वामी था पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में जन्मे मनोज कुमार ने जब पहली बार दिलीप कुमार अभिनीत फिल्म शबनम देखी तो उससे प्रभावित होकर उनके दिल मे अभिनेता बनने की तमन्ना जाग उठी और शबनम फ़िल्म में दिलीप कुमार द्वारा निभाया गया किरदार मनोज से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नाम मनोज रख लिया। मनोज कुमार ने अपने कैरियर की शुरुआत फ़िल्म फैशन से की थी और बतौर अभिनेता उनकी पहली फ़िल्म काँच की गुड़िया थी जो हिट रही मनोज कुमार को पहली बड़ी सफलता फ़िल्म हरियाली और रास्ता से मिली जो 1960 में प्रदर्शित हुई थी जिसमे उनकी हीरोइन माला सिन्हा थी। इसके बाद मनोज कुमार ने एक से बढ़कर एक कामयाब फिल्मों में अपने अभिनय का कमाल दिखाया उनके अभिनय में दिलीप कुमार के अभिनय की झलक साफ नजर आती थी।
मनोज की कुछ यादगार और हिट फिल्मों में हरियाली और रास्ता, वो कौन थी, साजन, सावन की घटा, पत्थर के सनम, यादगार, आदमी, नीलकमल, गुमनाम, दो बदन, उपकार, पूरब और पश्चिम, बेईमान, पहचान, दस नम्बरी, रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति आदि फिल्में प्रमुख थी इन फिल्मों ने मनोज कुमार को शिखर पर पहुँचा दिया था लेकिन मनोज कुमार देशभक्ति से ओत-प्रोत फिल्मों के लिए जाने जाते थे मनोज कुमार ने अपने निर्देशन में पहली फ़िल्म उपकार बनाई और इस फ़िल्म से ही मनोज कुमार को भारत नाम मिला उपकार के बाद वो कई फिल्मों में जैसे पूरब और पश्चिम, रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, क्लर्क, कलयुग और रामायण आदि फिल्मों में भारत नाम से किरदार निभाकर भारत कुमार के नाम से मशहूर हो गए उपकार बॉक्स-ऑफिस पर जबरदस्त कामयाब रही उसके गीत मेरे देश की धरती ने पूरे भारत मे तहलका मचा दिया था।
मनोज कुमार को फ़िल्म उपकार के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला था और फ़िल्म रोटी कपड़ा और मकान में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का दूसरी बार फ़िल्म फेयर अवार्ड दिया गया था मनोज कुमार को 1972 में आई फ़िल्म बेईमान के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला था इसके अलावा भारत सरकार ने 1992 में मनोज कुमार को पद्मश्री पुरस्कार दिया था 1999 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला था मनोज कुमार को 2015 में दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है