धरना प्रदर्शन का दिखा असर जिलेभर में बंद रही शराब की दुकानें
संभाग ब्यूरो बिलाल खत्री
अलीराजपुर आज पूरे जिले में आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल के एलान पर जिले भर में शराब दुकान के सामने आदिवासी समाज के द्वारा धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया धरना प्रदर्शन का दिखा असर जिलेभर में बंद रही शराब की दुकानें नानपुर,छकतला,उदयगढ़, काट्ठीवाड़ा,में जहाँ आदिवासी समाज के युवाओं ने धरना प्रदर्शन ज्ञापन दिया तो वहीं आदिवासी नेता महेश पटेल ने सेजावाड़ा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन में शामिल होकर तहसीलदार जितेंद्र तोमर को ज्ञापन सौंपा कर माँग की अनुसूचित क्षेत्र में देशी विदेशी शराब की दुकान बंद किया जाए जिस तरह से मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर जिस तरह से शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया उसी तरह अनुसूचित क्षेत्र में शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाए क्यूंकि हमारे अनुसूचित क्षेत्र में D3 के तहत समाज में दारू,डीजे पर प्रतिबंध दहेज को कम करने के लिए अभियान चलाया जा कर समाज को जागरूक करने का काम चल रहा समाज में सुधार हो रहा है लेकिन सरकार अनुसूचित क्षेत्र में शराब बेच कर समाज को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है साथ शराब के नाम पर समाज को बदनाम किया जा रहा है साथ ही नानपुर,छकतला,उदयगढ़, काट्ठीवाड़ा सेजावाड़ा में संचालित हो रही शराब की दुकानें नियम विरुद्ध चल रही हैं इनको तत्काल बंद किया जाए नहीं तो आने वाले दिनों में पूरा आदवासी समाज विरोध प्रदर्शन करेगा चाहे लट्ठ खाना पड़े या देना पड़े समाज पीछे नहीं हटेगा आदिवासी समाज को शराब दुकाने बंद करने के लिए समाज के युवाओं के 10 हज़ार तीर कामन महिलाओं को 10 हज़ार लट्ठ बाँटे जाएँगे
क्या रहा ज्ञापन। देखें माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मध्यप्रदेश शासन
विषय :- अनुसूचित क्षेत्र भारतिय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) अनु. 19 (6) अनुसार अलीराजपुर जिले में अंग्रेजी शराब को पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाने बाबद ।
महोदय.भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) अनु. 19 (6) में विशिष्ट संरक्षण परिश्क्षण सुरक्षा के लिए उपरोक्त विषय में निवेदन है कि अलीराजपुर जिला पूर्णतः अनुसूचित क्षेत्र आदिवासीयों के सामाजिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रावधान किया जाने से अनुसूचित क्षेत्रों में अग्रेंजी शराब का बहुत बुरा / गम्भीर प्रभाव बच्चों, महिलाओं, युवाओं, युवतियों वृद्धों पर होने से इस क्षेत्र में अंग्रेजी शराब का पूर्णतः प्रतिबन्ध किया जावें ताकि निम्नानुसार संविधान में प्रावधानों का पालन हो,
1- यह कि आलीराजपुर जिला क्षेत्र 5वी अनुसूचि भारतिय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के विशिष्ट प्रावधान के अन्तर्गत आने से तथा उक्त प्रावधानों के होने के बाद भी आदिवासीयों की सामाजिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक सुरक्षा नही हो रही है ओर गैर आदिवासी धर्म संस्कृति पर पूर्णतः प्रतिबन्ध किया जावे।
2- यह कि अनुसूचित क्षेत्रों में अग्रेजी शराब की दुकानों व अवैध रूप से आदिवासीयों तक पहुंचाई जा रही है इससे आदिवासीयों के स्वास्थ्यए आर्थिक स्थितिए परिवार एवं सामाजिक स्थिति परए बहुत गम्भीर प्रभाव पड रहा है।
3- यह कि अनुसूचित क्षेत्रों में पैसा एक्ट 1996 के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासीयों की सहमति के बगैर अग्रेंजी शराब का व्यापार व्यवसाय नही किया जाने का प्रावधान होने के बाद भी यह व्यवसाय किया जा रहा है जो भारतीय संविधान के विरूद्ध है।
4- यह कि अग्रेजी शराब आदिवासीयों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पडकर बच्चों में कुपोषण, महिलाओं में कुपोषण होकर स्वास्थ्य पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड रहा है, स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट में भी आया है कि आदिवासी जिला आलीराजपुर 72 प्रतिशत कुपोषण में आया जिसका मूल कारण अग्रेंजी शराब के सेवन से ही है इसलिए आदिवासी क्षेत्रों इसे पूर्णतः प्रतिबंध किया जावें।
5- यह कि आदिवासी लोग यह नही जानते है कि अग्रेंजी शराब पीने से उनके स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पडता है। वे केवल आदिवासी परम्परागत देशी महुए की शराब, ताडी को जानते है उसी अनुसार वे अग्रेंजी शराब का सेवन करने लगें है। जिसके हानिकारक परिणाम आ रहे हे।
6- यह कि अनुसूचित क्षेत्रों में अग्रेंजी शराब बन्द करने से अनावश्यक लडाई झगडे कम हो जायेगें तथा युवाओं, युवतियों महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा होने से उनकी कार्यक्षमता बढेगी जिससे जिले, प्रदेश, राष्ट्र के विकास में युवाओं की उर्जावान शक्ति बढ़ कर देश का विकास होगा।
7- यह कि अनुसूचित क्षेत्र के भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 से 178 तक अनुसूचित जनजातियों की जमीन सुरक्षा का विशेष प्रावधान होने के बाद भी अग्रेंजी शराब के प्रभाव से आदिवासी लोग कर्ज की स्थिति में किसी को भी औने पौने दाम में जमीन बेच रहा है, स्वार्थी तत्व भोले भाले गरीब आदिवासियों को शराब पिला कर कई अवैध समझौते भी करवाते है। अंग्रेजी शराब के कारण ही आदिवासीयों की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक हितों पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है भविष्य में ओर गम्भीर प्रभाव होगें इसलिए अग्रेंजी शराब पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जावे।
8- यह कि अनुसूचित क्षेत्र के लोगों ने सभी गावों में मिटिंग करके डी-3 मिशन के तहत यह तय कर लिया गया है कि अब आदिवासी गावों में अग्रेंजी शराब का पूर्णतः प्रतिबन्ध है। इस मिटिंग में श्रीमान कलेक्टर महोदय व श्रीमान पुलिस अधिक्षक महोदय दोनों के
समक्ष बैठकों में अग्रेजी शराब आदिवासी क्षेत्रों में पूर्णतः बन्द का निर्णय लिया गया है
9- यह कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा आध्यात्मिक क्षेत्र उज्जैन, औंकारेश्वर आदि में अग्रेंजी शराब का प्रतिबंध करने का आदेश दिया गया था जबकि आदिवासी क्षेत्रों के लिए भारतिय संविधान में आदिवासीयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संवैधानिक पदाधिकारीयो की होने से अग्रेंजी शराब को अनुसूचित क्षेत्रों में तत्काल प्रतिबंधित होना चाहिए।
10- शासन ने आदिवासी क्षेत्रों मे पैसा एक्ट लागू किया है इस प्रावधान के तहत ग्राम सभा की सहमती असहमती अनुसार इन क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब की दूकाने बंद करने की कार्यवाही करना चाहिए।
11- पेसा एक्ट अन्तर्गत 26 जनवरी 2025 को जो ग्रामीण शराब की दुकान है वहा पर महिलओं के विरोद्व के कारण पंचायत द्वारा बैठक में प्रस्ताव पारित कर शराब की दुकानें निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
12-पूर्व में हमारे द्वारा अवगत करवाया गया है कि सेजावाडा, छकतला, उदयगढ, कट्ठीवाडा, नानपुर जैसे कई दुकाने नियम के विरूद्व संचालित हो रही है जैसे स्कुल, छात्रावास, मंदिर, अन्तराष्टीय मार्ग स्थित बसावाट का पालन नही करते साथ ही पेसा एक्ट के प्रावधान के अन्तर्गत नही आते है साथ ही आबकारी अधिनियम एक्ट का पालन नही किया जा रहा, वहा शराब की दुकाने संचालित नही होना चाहिए किन्तु शराब की शासकीय दुकाने सचंलित हो रही है बन्द करवाई जाए।
अतः महोदय से निवदेन है कि आदिवासी क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब के कारण आदिवासी समाज के सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक एवं स्वास्थ्यगत हो रहे दुष्परिणाम को देखते हुए पैसा एक्ट एवं डी-3 मिशन के तहत आलीराजपुर जिले सहित अन्य आदिवासी क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब ओर उसकी दूकाने पूर्णतः प्रतिबंधित आदिवासी समाज की मुहिम में शासन प्रशासन ने भी महत्वपूर्ण भुमिका अदा की है। जिसके कारण आदिवासी क्षेत्र में विवाह में अग्रेजी शराब का प्रतिबन्ध कर दिया गया है तथा समाज सुधार में फायदा हो रहा है। अतः माननीय मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन है कि अग्रेजी शराब को बन्द करवाई जाकर डी-3 महत्वपूर्ण योगदान देकर आदिवासी समाज को प्रोत्साहित करें ।
महेश पटेल प्रदेश उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद भोपाल म०प्र