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जयस जिलाध्यक्ष अरविन्द कनेश के नेतृत्व में 15 सूत्रीय ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा |
संभाग ब्यूरो बिलाल खत्री
अलीराजपुर जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के जिलाध्यक्ष अरविन्द कनेश के नेतृत्व में जिले की विभिन्न समस्याओं एवं मुलभुत सुविधाओं को लेकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने पर मुख्यमंत्री के समक्ष जन हित एवं जन कल्याण के लिए प्रमुख मांगो का ज्ञापन त्वरित कार्यवाही के लिए सौंपा गया हैं। जयस की और से सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मांगे की गईं हैं
1,अलीराजपुर जिला मुख्यालय पर जिले के महान क्रांतिकारी शहीद छितुसिंह किराड़ की आदिवासी समाज के द्वारा जन सहयोग से मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं,मूर्ति बनकर तैयार हैं,मूर्ति लगाने हेतु अनुमति प्रदाय करने की मांग की जाती हैं।
2.जिले में स्थापित कृषि उपज मंडियों को सुचारु रूप से संचालित नहीं किये जाने से, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा हैं और सरकार को भी राजस्व की भारी हानि हो रही हैं। जिले की सभी मंडियों को तत्काल चालू करवा कर सभी प्रकार की उपजो को उचित दामों पर खरीदवाने का कष्ट करें।
3,जिला चिकित्सालय में पूर्व में 100 बेड स्वीकृत थे एवं वर्तमान में 240 बेड स्वीकृत होकर अस्पताल संचलित हैं परन्तु पूर्व में स्वीकृत 100 बेड के मान से ही स्टाप एवं डॉक्टरस कार्यरत हैं,उसमे से भी स्पेसिलिस्ट के 22 पद, चिकित्सा अदिकारी के 5 पद, ड्रामा सेंटर में 8 पद रिक्त हैं, जिले में नाक, कान, सिनोग्राफी एवं नेत्र विशेषज्ञ के पद कई सालो रिक्त पड़े हैं, 240 बेड के मान से पद स्वीकृत करने एवं 5 अतिरिक्त डायल 100 गाड़ियां तथा 4 शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की जाती हैं।
4,अलीराजपुर जिला मुख्यालय पर पूर्व में संचालित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र को पुनः प्रारम्भ करने की मांग की जाती हैं।
5, जिले में देशी - विदेश शराब की दुकानों के संचालन पर पूर्णतः रोक लगाई जावे। जिससे की जिले में अपराध कम हो सके।
6, जिले में आदिवासी समाज के द्वारा आदिवासी जननायक टंट्या भील मामा का गाता (मूर्ति स्थापना) दाहोद नाका अलीराजपुर में कई गई है। दाहोद नाका अलीराजपुर चौराहे का नामकरण जननायक टंट्या भील चौराहा" किया जावे।
7,जिले के सोरवा ग्राम में जन्मे आदिवासी क्रांतिकारी शहीद छितुसिंह किराड़ की जन्म स्थली का जीर्णोद्धार कर "आदिवासी समाज प्रेरणा केंद्र एवं मूर्ति स्थापाना की घोषणा तात्कालिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के द्वारा की गई थी। उसे तत्काल संज्ञान में लेकर कार्यवाही कराने हेतु निवेदन है।
8,जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत नानपुर सरवा को तहसील टप्पा घोषित किया जावे।
9,आदिवासी देव स्थलों एवं आदिवासियों के आराध्य बाबादेव स्थल के संरक्षण हेतु चबूतरा निर्माण, बाउंड्रीवाल निर्माण, शौचालय निर्माण एवं पेयजल हेतु हेण्डपम्प खनन की मांग की जाती हैं।
10, जिले के कई ग्रामों में आदिवासी बच्चें भवन विहीन शाला कच्ची झोपड़ी में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। भवन विहीन शालाओं में शाला भवन स्वीकृत करने की मांग की जाती हैं।
11, नर्मदा नदी डूब प्रभावित क्षेत्र एवं पहाड़ी क्षेत्र ग्राम मकरजा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत करने की मांग लम्बे समय से क्षेत्रवासियों के द्वारा की जा रही हैं। पहाड़ी क्षेत्र के ग्राम नदी सिरसाडी, खुन्दी, अंजनबारा, बड़ाअम्बा, डुबखड़ा, जलसिंधी, आकड़ीया आदि गांवों के ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बखतगढ़ 50-60 किलोमीटर की दूरी पार कर ईलाज के लिए आते हैं। ग्राम सकराज में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत करने की मांग की जाती हैं।
12, जिले में खेल प्रतिभावों की कमी नहीं है, यहां से तीरंदाजी, बॉबिंसग, ताईकांडों एवं कराते के अंतरराष्टीय खिलाड़ी रहे हैं। परंतु जिले में खेल स्टेडियम नहीं होने से प्रतिभावों को उचित मंच नही मिल रहा है।
13, अलीराजपुर जिले में मेडिकल कॉलेज एवं कृषि महाविद्यालय की मांग भी लम्बे समय से जिले वासियों के द्वारा की जा रही है, स्वीकृति प्रदान की जावे।
14,ग्राम खुन्दी से कुण्डालची फलिया सकरजा विकासखण्ड सोंडवा एवं ग्राम पस्टार से ग्राम कुहा तक विकासखण्ड कट्ठीवाड़ा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क स्वीकृत करने की मांग की जाती हैं, ताकि ग्रामीणों को आने जाने में परेशानी काम समान नहीं करना पड़े।
15,ग्राम पंचायत बोकड़िया के छोटी वास्कली (भील फ़०) फलिया, छोटी बामनिया फलिया, पचाया फलिया विकासखण्ड कट्ठीवाड़ा के उक्त गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंची हैं। उक्त गांवों में विद्युतीकरण की कार्यवाही अविलंब करने की मांग की है।
जयस जिलाध्यक्ष अरविन्द कनेश ने कहा कि जिले वासियों एवं जनहित की भावनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री को उपरोक्त मांगो का त्वरित कार्यवाही कर स्वीकृति प्रदान करना चाहिए।
इस दौरान प्रदेश प्रभारी मुकेश रावत, जयस सक्रिय कार्यक्रता विक्रमसिंह बामनिया, अजमेर भिंडी निरपाल बघेल रिबिन भूरिया , भाचरिया किकरिया ,देवसिंह बामनिया, अंकित किराड़, मोतेसिंह वास्कले , पारसिंह बामनिया, खजान भाई , गुजरिया भाई आदि कार्यक्रता उपस्थित थे।