इक़बाल खत्री
खरगोन। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंडलेश्वर अखिलेश जोशी के मार्गदर्शन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मण्डलेश्वर सुश्री प्रीति जैन ने विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं, न्यायालयीन महिला कर्मचारियों और पी. एल. वी. के साथ ए.डी.आर सेंटर मण्डलेश्वर के सभाकक्ष में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायाधीश शिवांगनी भट्ट ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों के संरक्षण के लिए महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 बनाया गया है। कार्यस्थल में काम करने वाली महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न होता है तो वे आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत कर सकती है। समिति जॉंच के बाद कार्यवाही कर सकती है। यदि जांच में आरोप गलत पाया जाता है ,अर्थात किसी महिला द्वारा किसी व्यक्ति को जानबूझकर द्वेष पूर्ण तरीके से फंसाने की साजिश की जाती है, तो ऐसी महिला पर भी कार्यवाही की जा सकती है।
शिविर में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स निशा कौशल ने महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर होने वाले उत्पीड़न एवं बचाव के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस अवसर पर लीगल एड डिफेंस रूपेश कुमार शर्मा, न्यायालयीन कर्मचारी मोनिका शर्मा, गुंजन बाथवे, पीएलवी छाया तोमर, पूजा भावरे, सुनिता भालसे, नेहा बाथवे, नेहा वर्मा उपस्थित रही।