संविधान में अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को लेकर व्याख्यान

Jansampark Khabar
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संविधान की प्रदर्शनी भी आयोजित

अनुच्छेदो के माध्यम से जनजाति समाज को मिले कई अधिकार - डॉ अजनारे


धार ब्यूरो चीफ इकबाल खत्री

         कुक्षी - सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय में आज संविधान में अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को लेकर व्याख्यान आयोजित किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर डॉ अजनारे ने संविधान में मिले जनजाति समाज के अधिकारों के बारे में अनुच्छेदों के माध्यम से विस्तृत से बताते बताया कि अनुसूचित जनजाति जो शब्द है वह भारत में प्रशासनिक और संवैधानिक अवधारणा का शब्द है जबकि आदिवासियों को आदिवासी नहीं कहा गया संविधान में उसके पीछे क्या कारण रहा है जो भी रहा होगा लेकिन शासन व्यवस्था में उनके विकास के लिए अनुसूचित जनजाति शक्ति प्रयोग किया गया कुछ आप सब जानते हैं अनुच्छेद 14 15 4 164 19523 29164 340 332 334 335 338 371 का था और  इन समस्त संविधानिक अनुच्छेदों में अनुसूचित जनजातियों की रक्षा के उपाय किए गए कि हमारी आइडेंटिटी क्या है एसी की आइडेंटिटी क्या होगी तो संविधान के अनुच्छेद 342 में प्रावधान किया गया साथ ही महाविद्यालय प्राचार्य गर्ग और जन भागीदारी समिति अध्यक्ष ओमप्रकाश पाटीदार ने भी संबोधित किया व्याख्यान का शुभारम्भ मां भारती, सरदार पटेल,टंट्या मामा एवं  बाबा साहब के चित्रपट पर तिलक पूजन कर दीप प्रज्वलित कर किया गया व्याख्यान के पूर्व संविधान प्रदर्शनी का आयोजन भी आयोजित किया गया कार्यक्रम का संचालन जन अभियान परिषद के ब्लॉक समन्वयक मनीष शर्मा ने किया इस अवसर पर जॉन अभियान परिषद की नवांकुर संस्था सेवा समिति और ग्राम विकास समिति के सदस्य महाविद्यालय तथा सीएमसीएलडीपी के छात्र-छात्राएं,मेंटर, नगर के प्रबुद्ध जन सामाजिक कार्यकर्ता पैसा मोबाईलाइजर और महाविद्यालय का स्टाफ मौजूद था

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