खुशियों का त्यौहार ईद-उल-फ़ित्र उत्साह और उमंग के साथ मनाया ईदु-उल-फितर की नमाज़ अदा की गई। देश में अमन और शांति के लिए दुआएं की गई

Jansampark Khabar
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संभाग ब्यूरो बिलाल खत्री

        अलीराजपुर जिले के बड़ी खट्टाली  ईदु-उल-फितर को भाईचारे और अमन का पैगाम लाने वाला त्योहार माना जाता है.। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए ईद का त्योहार मुख्य त्योहारों में से एक है. रमजान के पाक महीने के आखिरी दिन जब चांद का दीदार होता है तो उसके अगले दिन ईद मनाई जाती है. इसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है. वहीं ईद को रमजान महीने के अंत का प्रतीक भी माना जाता है।


       मौलाना सनाउल्लाह ने यहां अपने संबोधन में कहा कि हमारे मुल्क की संस्कृति गंगा जमुनी है। यहां मुहब्बत का राज रहा है और हमेशा रहेगा। नफरतों के लिए यहां न कभी जगह थी और न भविष्य में कभी होगी। इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया।रमजान के पवित्र महीने में एक महीने तक मुस्लिम श्रद्धालु रोजे रखते हैं और अपने मजहब में सिखाए गए ईमान का पालन करते हैं। ईद का त्योहार सामाजिक भाई चारे और समरसता का पर्व है।



ऐसी होती है ईद की तैयारी

       ईद के अवसर पर लोग नये-नये कपड़े पहनते हैं, आपस में गले मिलकर एक दूसरे को सेवइयां खिलाते हैं और उपहार देते हैं. इस दिन जकात यानी दान का भी काफी महत्व है, कुरान की मानें तो ईद के अवसर पर किसी गरीब व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार दान करने से अल्लाह की कृपा सदैव बनी रहती है।


ईद-उल-फितर का महत्व

           मुस्लिम समुदाय के लिए ईद का पर्व काफी खास होता है. इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमज़ान नौवां महीना होता है जिसमें रोजा रखे जाते हैं. वहीं दसवें महीने में शव्वाल होता है. शव्वाल का अर्थ है उपवास तोड़ने का पर्व. इसी कारण इस साल शव्वाल माह के शुरू होने के साथ ही ईद का पर्व मनाया जाएगा.



ईद से पहले जकात और फितरा देने का महत्व

     ईद की नमाज से पहले मुसलमानों पर फर्ज है कि वे अपनी हैसियत के हिसाब से जरूरतमंदों को दान दें. रमजान के महीने में ये दान दो रूप में दिया जाता है, फितरा और जकात. रमजान के महीने में ईद से पहले फितरा और जकात देना हर हैसियतमंद मुसलमान पर फर्ज (जरूरी) होता है. दरअसल, इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, अल्लाह ने ईद का त्योहार गरीब और अमीर सभी के लिए बनाया है. गरीबी की वजह से लोगों की खुशी में कमी ना आए इसलिए अल्लाह ने  मुसलमान पर जकात और फितरा देना फर्ज कर दिया है. हालांकि, लोग अपनी हैसियत के हिसाब से कम या ज्यादा दान गरीबों में दे सकते है, ताकि, ईद का त्योहार सभी लोग खुशी से मना सकें।



    इस मौके पर तहसीलदार सुनील राणा, ग्राम के पटवारी महेंद्र सिंह रावत, ने सभी समाज जनों को ईद की  मुबारकबाद दी, पुलिस विभाग से चौकि शंकर सिंह जमरा,व समस्त पुलिस कर्मीयो ने ईद के मौके पर समाज जनो को ईद की शुभकामनाएं दी।

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